डीएनए हिंदी: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) अपना देश छोड़ चुके हैं. खबर है कि वो श्रीलंका छोड़कर मालदीव की राजधानी माले पहुंच चुके हैं. इस बीच श्रीलंका में यह अफवाह फैल रही है कि भारत ने गोटबाया राजपक्षे, उनके भाई बासिल राजपक्षे और उनके परिवार को श्रीलंका से बाहर निकलने में मदद की है. भारतीय दूतावास ने ऐसी खबरों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेशों को भ्रामक करार किया है.
कोलंबो स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कहा कि उच्चायोग स्पष्ट रूप से निराधार और काल्पनिक मीडिया रिपोर्टों का खंडन करता है कि भारत ने गोटबाया राजपक्षे और बासिल राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर निकले में मदद की. भारतीय दूतावास ने यह भी कहा कि भारत श्रीलंका के लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं.
रात में ही मालदीव पहुंच गए थे राजपक्षे
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जे के बाद गोटबाया राजपक्षे ने बुधवार को इस्तीफा देने की घोषणा की थी. न्यूज एजेंसी PTI ने मालदीव के सूत्रों के हवाले से बताया कि पिछली रात वेलाना हवाई अड्डे पर मालदीव सरकार के प्रतिनिधियों ने राजपक्षे की अगवानी की. इससे पहले सोमवार रात को राजपक्षे और उनके भाई बासिल ने राजपक्षे परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़ने की कोशिश की, लेकिन हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने उन्हें रोक दियाथा. बासिल देश के पूर्व वित्त मंत्री हैं. श्रीलंका के अधिकारियों ने भी राजपक्ष के देश छोड़ने पर कोई आधिकारिक पुष्टि कर दी है.
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