इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) और जासूसी एजेंसी मोसाद का डंका दुश्मन से निपटने के लिए पूरी दुनिया में बजता है. एक बार फिर आईडीएफ ने इसकी मिसाल पेश की है. इजरायल की एयर स्ट्राइक में हिज्बुल्लाह का कमांडर हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) मारा गया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुद बताया कि कैसे इंटेलीजेंस इनपुट और सटीक आक्रमण के जरिए अपने दुश्मन को मार गिराने में सफलता हासिल की है. हिज्बुल्लाह के सर्वोच्च नेता को मार गिराने के लिए इजरायली फोर्स पिछले 18 सालों से मिशन चल रही थी.
18 साल की मेहनत के बाद मिली सफलता
इजरायल का कहना है कि नसरल्लाह को मारने से पहले इसकी जानकारी अमेरिका को दी गई थी. द न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल डिफेंस फोर्स को जानकारी मिली थी कि नसरल्लाह अपनी बेटी और टॉप कमांडर से मिलने के लिए बेरूत आ रहा है. उसके एक खुफिया बंकर में पहुंचने की इनपुट को इंटेलीजेंस एजेंसी ने भी पुष्ट किया था. न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, मोसाद ने अपने स्पाई एजेंट भी हिज्बुल्लाह के टॉप कमांडर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए लगाए थे.
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साल 2006 से इजरायल की एक स्पेशल इंटेलीजेंस टीम सिर्फ इसी काम के लिए लगी है. आखिरकार 18 सालों बाद इजरायल अपने बड़े दुश्मन को मार गिराने में कामयाब हुआ है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने नसरल्लाह की मौत के बाद बयान जारी किया था. उन्होंने कहा कि हिज्बुल्लाह के टॉप कमांडर को मारे बिना हम अपने मिशन में कामयाब नहीं हो सकते थे. नसरल्लाह पिछले 2 दशक से अंडरग्राउंड रहता था और उसकी लोकेशन निकालना इजरायल के लिए बेहद मुश्किल था.
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