हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरुल्लाह की मौत से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है. हिजबुल्लाह और ईरान ने खुली चेतावनी दी है कि वह इजरायल से इसका बदल लेगा. इस बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों लेबनान छोड़ने का आदेश दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजनयिकों के वो परिवार लेबनान छोड़ दें जो बेरूत स्थित दूतावास द्वारा नियुक्त नहीं हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्होंने यह निर्णय लेबनान की राजधानी में अस्थिर सुरक्षा स्थिति के कारण लिया है. यह कदम इजरायली हमले में चरमपंथी समूह हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद उठाया गया है, जिससे इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्ष और तेज हो गया.
विदेश विभाग ने शनिवार को एक बयान में कहा, "बेरूत में हवाई हमलों के बाद बढ़ी अस्थिरता और पूरे लेबनान में अस्थिर सुरक्षा स्थिति के कारण अमेरिकी दूतावास अमेरिकी नागरिकों से लेबनान छोड़ने का आग्रह करता है.
हिज्बुल्लाह चीफ की मौत पर क्या बोला अमेरिका?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरुल्लाह की मौत को उसके चार दशक के आतंक के शासन से मुक्ति का एक तरीका बताया. बाइडेन ने बताया कि नसरल्ला को निशाना उस संघर्ष के व्यापक परिप्रेक्ष्य में बनाया गया, जो 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजराइलियों के नरसंहार के साथ शुरू हुआ था.
बाइडेन ने कहा, ‘उस हमले के अगले दिन नसरुल्लाह ने हमास के साथ हाथ मिलाने और इजराइल के खिलाफ 'उत्तरी मोर्चा' खोलने का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लिया. उन्होंने यह भी कहा कि नसरुल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्ला हजारों अमेरिकियों की मौत के लिए जिम्मेदार है.
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