डीएनए हिंदी: अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया. ICC ने पुतिन के अलावा रूस की चिल्ड्रन राइट्स कमिश्नर मारिया अलेक्सेयेवना लवोवा-बेलोवा के खिलाफ भी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. आईसीसी ने बताया कि पुतिन के खिलाफ ये अरेस्ट वारंट 'वॉर क्राइम' के लिए किया है. रूसी राष्ट्रपति पर यूक्रेनी बच्चों को अवैध तरीके से जबरन रूस ले जाने का भी आरोप है. पुतिन अगर अब दुनिया के 123 देशों में जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
ICC ने बयान जारी कर बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन में 'वॉर क्राइम' के लिए जिम्मेदार ठहराया है. पुतिन पर गैरकानूनी और अवैध तरीके से जबरदस्ती रूस ले जाने का आरोप है. आरोप है कि पुतिन इस अपराध में सीधे तौर पर शामिल थे. इतना ही नहीं उन्होंने सैनिकों और लोगों को इन कृत्यों करने से रोका भी नहीं. वहीं, चिल्ड्रन राइट्स कमिश्नर मारिया अलेक्सेयेवना पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेनी बच्चों के अवैध निर्वासन होने से नहीं रोका.
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दुनिया के 123 देशों में हो जाएंगे गिरफ्तार
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, युद्ध के दौरान रूसी सेना 24 फरवरी 2022 के बाद से 16,000 से अधिक यूक्रेनी बच्चों को जबरन रूस ले गई थी. पुतिन पर लगे 'वॉर क्राइम' के आरोपों की जांच ICC के प्रॉसिक्यूटर करीम खान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगर आसीसी के सदस्य 123 देशों में व्लादिमीर पुतिन एक कदम भी रखते हैं तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी का वारंट फोरेंसिक जांच के आधार पर जारी किया गया है.
पुतिन को गिरफ्तार करा पाएगी ICC?
आईसीसी के अध्यक्ष पियोटर हॉफमांस्की ने एक वीडियो बयान में कहा कि न्यायाधीशों ने वारंट जारी किए हैं, लेकिन उन्हें तामील करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि वारंट तामील करने के लिए अदालत के पास अपना कोई पुलिस बल नहीं है. उन्होंने कहा कि आईसीसी अदालत के रूप में अपना काम कर रही है. न्यायाधीशों ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इसका निष्पादन अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर निर्भर करता है.’
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इस बीच क्रेमलिन प्रवक्ता ने आईसीसी के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी के लिए वारंट अपमानजनक और अस्वीकार्य है. उन्होंने आईसीसी के फैसले को कानूनी तौर पर अमान्य करार दिया.
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