डीएनए हिंदी: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति तो खराब है ही लेकिन मुल्क की बर्बादी की मूल वजह देश की राजनीति है. पीटीआई (PTI) के अध्यक्ष और इमरान खान (Imran Khan) जो कि साल 2018 में बहुमत हासिल करते हुए पाकिस्तान के पीएम बने थे. उनसे पाकिस्तानी आवाम को काफी उम्मीदें थीं लेकिन सेना ने इमरान के साथ पर्दे के पीछे से खेल कर उनका बहुमत शहबाज शरीफ के हिस्से भेज दिया. नतीजा ये इस साल की शुरुआत में इमरान खान सत्ता से बाहर हुए और आज उन पर जानलेवा हमले के तहत गोलियां चलाईं गईं.
दरअसल, इमरान खान पर आज जानलेवा हमला हुआ है. उन पर एक रैली में गोलियां चलाईं गई. पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि इमरान के पैर पर गोली लगी है. इसके अलावा इमरान के समर्थक भी इस गोलीबारी की चपेट में आए हैं और एक शख्स की मौत भी हो गई है. पूर्व पाक पीएम की सेहत को लेकर जानकारी दी गई हैं कि गोली उनके पैर में लगी है और उन्हें भी भर्ती कराया गया है.
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गौरतलब है कि इमरान खान पाकिस्तान की पुरुष क्रिकेट टीम के दिग्गज कप्तान और विश्व कप विजेता हैं. क्रिकेट से दूरी बनाने के बाद उन्होंने पाकिस्तान की राजनीति में कदम रखा था. उन्हें इस दौरान सेना का समर्थन मिला तो वे आम चुनाव भी जीत गए. वहीं अहम बात यह है कि इमरान ने जब सत्ता अपने तरीके से चलाई तो सेना और आईएसआई के आखों में इमरान चुभने लगे. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान में सत्ता से बाहर हो गए.
पाकिस्तान मे इस राजनीतिक अस्थिरता के बीच एक बार फिर पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ को पीएम बना दिया गया. इमरान लगातार शहबाज शरीफ सरकार पर हमलावर हैं. वे शहबाज सरकतार के खिलाफ एक मार्च भी निकाल रहे हैं. वे इस्लामाबाद तक सरकार के खिलाफ एक विरोधी मार्च निकाल रहे हैं. साल की शुरुआत के बाद से अब यह उनका दूसरा मार्च था.
इमरान खान पर पाकिस्तान की चुनाव आयोग की तरफ से भी कार्रवाई हुई थी. पहले उनकी संसद सदस्यता रद्द हुई फिर उनके चुनाव लड़ने तक पर बैन लगा दिया गया है. आज ही उन्होंने कहा था कि जब तक पाकिस्तान में चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं होती तब तक विरोध 10 महीने तक जारी रहेगा. पाकिस्तान की न्यूज एजेंसी द न्यूज ने बताया कि पहले योजना 4 नवंबर तक संघीय राजधानी तक पहुंचने की थी, जिसे बाद में 8-9 नवंबर और फिर 11 नवंबर तक संशोधित किया गया था.
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पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता के बीच चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लगातार सरकार और आईएसआई दबाने के प्रयास कर रहे हैं. इसके चलते देश में भयंकर राजनीतिक अस्थिरता फैली हुई है. इन सबके बीच ही अब इमरान खान को उपद्रवियों ने अपनी गोलियों का शिकार बना लिया है.
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