डीएनए हिंदी: भारत ने अपने पुराने दोस्त रूस का एक बार फिर से साथ दिया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में रूस-यूक्रेन के संबंध में पेश किए गए एक प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. भारत ने खुद को इस वोटिंग से दूर रखा. प्रस्ताव था कि युद्ध की वजह से यूक्रेन को जो नुकसान हुआ है, वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है इसलिए रूस इस नुकसान की भरपाई करे. इस सभा में कुल 193 सदस्य हैं. प्रस्ताव के पक्ष में 94 और विपक्ष में 14 वोट पड़े. भारत समेत कुल 73 सदस्य वोटिंग में अनुपस्थित रहे.
फरवरी में रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ था. तब से रूस को कई आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस युद्ध से संबंधित पांच प्रस्ताव रखे गए हैं. नया प्रस्ताव था कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ गलत कृत्य किए जिससे उसको नुकसान पहुंचा है और इसकी भरपाई के लिए एक अंतरराष्ट्रीय तंत्र स्थापित करने की ज़रूरत है. प्रस्ताव में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र एक अंतरराष्ट्रीय रजिस्टर बनाए जिसमें यूक्रेन को हुए नुकसान का ब्योरा दर्ज किया जाए.
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सुरक्षा परिषद में रूस ने लगा दिया था वीटो
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में रूस ने अपने वीटो का इस्तेमाल करके कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया है. हालांकि, महासभा में कोई वीटो नहीं चलता. पहले के चार प्रस्ताव भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में ही पेश किए गए थे. हालांकि, महासभा के प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है, वे सिर्फ़ सलाह के रूप में होते हैं. जबकि सुरक्षा परिषद में पास होने वाले प्रस्ताव बाध्यकारी होते हैं और सदस्यों को उन्हें मानना ही होता है.
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आपको बता दें कि पिछले 9 महीने से जारी युद्ध में यूक्रेन के कई इलाके पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. कई शहरों पर रूस ने कब्जा कर लिया था. हालांकि, अब यूक्रेन जोरदार पलटवार कर रहा है. खेरसॉन शहर में यूक्रेन के पलटवार से परेशान रूस ने शहर को खाली कर दिया है. अब खेरसॉन पर यूक्रेन का कब्जा हो गया है.
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