डीएनए हिंदी: चीन दौरे से लौटकर भारत को आंखे दिखाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपने ही देश में करारा झटका लगा है. राष्ट्रपति का पद संभालने से पहले वह माले के मेयर थे और वहीं से राष्ट्रीय राजनीति में उन्होंने प्रवेश किया. पद छोड़ने के बाद माले के मेयर के लिए हुए चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है. उनकी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) पार्टी देश की राजधानी माले में हुए मेयर चुनाव में हार गई है. मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने शनिवार मेयर चुनाव में शानदार जीत हासिल की है. एमडीपी भारत समर्थक पार्टी रही है और हालिया विवाद में भी पार्टी ने खुले तौर पर भारत का समर्थन किया है. चीन परस्त मुइज्जू के लिए यह हार एक बड़ा झटका है.
मालदीव के सन ऑनलाइन समाचार पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, मुइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) के ऐशथ अजीमा शकूर को 3,301 वोट मिले, जबकि 41 राउंड की गिनती के बाद प्रतिद्वंद्वी एडम अजीम को कुल 5303 वोट मिले. मुइज्जू ने माले के मेयर रहते हुए ही भारत विरोधी अभियान की शुरुआत की थी और अपने चुनाव प्रचार में खुलकर भारत का विरोध और चीन का समर्थन किया था. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद यह पद खाली था लेकिन अब यहां फिर से भारत समर्थक पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिली है.
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चीन दौरे के बाद भारत के खिलाफ की थी बयानबाजी
अब तक यह परंपरा रही थी कि मालदीव के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद पहला दौरा भारत का करते रहे हैं. मुइज्जू ने इसे बदल दिया और वह शनिवार को चीन के 5 दिनों के दौरे से वापस लौटे हैं. माले में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भारत का नाम लिए बिना कहा कि हमारा देश उनसे छोटा हो सकता है लेकिन हम किसी को भी धमकाने का लाइसेंस नहीं दे सकते हैं. पद संभालने के साथ ही मालदीव के नए राष्ट्रपति ने भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का फैसला लिया था.
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भारत और मालदीव के बीच बढ़ गया है तनाव
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव के 3 मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव अस्वाभाविक रूप से बढ़ गया है. भारत की प्रतिक्रिया को देखते हुए मालदीव सरकार ने तत्काल ही तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया और उनकी टिप्पणी से पल्ला झाड़ लिया है. इसके बाद से सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव भी ट्रेंड करने लगा. विपक्षी पार्टी ने भी भारत विरोधी प्रतिक्रिया को निंदनीय बताते हुए दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते बहाल करने की मांग की है.
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