India-Russia Relations: भारत ने पहली बार किया रूस का विरोध, यूक्रेन के समर्थन में किया ये काम

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 25, 2022, 07:41 PM IST

Russia-Ukraine War के दौरान भारत ने एक बार भी रूस के खिलाफ बयान नहीं दिया था लेकिन अब भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है.

डीएनए हिंदी: भारत और रूस के बीच कूटनीतिक रिश्ते (Russia-Ukraine Relations) दशकों से जस के तस मजबूत बने हुए हैं. वही रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के दौरान भारत ने रूस के खिलाफ सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया लेकिन इतने बरसों में पहली बार भारत ने रूस के किसी कदम का विरोध करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यूक्रेन के समर्थन में मतदान किया है. भारत के इस कदम को ऐतिहासिक माना जा रहा है.

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इस दौरान वीडियो-टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था. वहीं यूक्रेन के मामले पर भारत ने पहली बार रूस के खिलाफ मतदान किया है.

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यूक्रेन के समर्थन में डाला वोट

सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन की स्वतंत्रता की 31वीं वर्षगांठ पर छह महीने से जारी युद्ध की समीक्षा के लिए बुधवार को एक बैठक की थी. जैसे ही बैठक शुरू हुई, संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली ए नेबेंजिया ने वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस द्वारा बैठक में जेलेंस्की की भागीदारी के संबंध में एक प्रक्रियात्मक वोट कराने का अनुरोध किया था. इस वोटिंग 13 सदस्यों ने वोट किया था जबकि रूस ने इस निमंत्रण के खिलाफ मत दिया और चीन ने वोट नहीं दिया था. भारत ने भी यूक्रेन के पक्ष में वोटिंग की थी.

गौरतलब है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के मामले से बचता रहा है, जिससे अमेरिका समेत पश्चिम देश नाखुश हैं. यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक एवं अन्य प्रतिबंध लगाए हैं जिसके बावजूद भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है.

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भारत ने नहीं किया रूस का विरोध 

आपको बता दें कि भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले की निंदा नहीं की है. हालांकि दोनों देशों को बातचीत सछ मसला हल करने के सुझाव देता रहा है. वहीं भारत का रूस के खिलाफ न बोलना अमेरिका को सर्वाधिक परेशान करता रहा है और इसके चलते आए दिन अमेरिकी प्रशासन भारत को निशाने पर लेता रहा है.

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