डीएनए हिंदी: रूस यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बाद से ही अमेरिका (USA) समेत पश्चिमी देशों ने रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्हें उम्मीद थी कि भारत भी ऐसा करेगा लेकिन भारत में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों (Petrol-Diesel Price) को कंट्रोल करने के लिए भारत ने रूस से ज्यादा कच्चा तेल (Crude Oil Price) लेना शुरू कर दिया था. ऐसे में भारत को कच्चा तेल तो सस्ते में मिल ही रहा है लेकिन इसकी मदद से बनने वाले गैसोलीन के लिए अमेरिका और पश्चिमी देशों को भारत की मदद लेनी पड़ रही है. रूसी प्रतिबंधों के बीच भारत से पश्चिमी देशों और अमेरिका को यह एक्सपोर्ट बढ़ा है जो कि भारत के लिए अच्छी खबर है.
रिपोर्ट्स के अनुसार ग्लोबल ऑयल ट्रेडर्स Vitol और Trafigura दोनों ने भारतीय तेल रिफाइनरी कंपनी नायरा एनर्जी से 10 से 15 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से एक-एक कार्गो वैक्यूम गैस ऑयल (VGO) खरीदा है. सूत्रों के अनुसार दिसंबर में यह कार्गो भारत के वादीनार पोर्ट से अमेरिका या यूरोप में निर्यात होगा. VGO एक तरह का कच्चा तेल ही है जिससे गैसोलिन और डीजल बनता है. इसके निर्यात से सीधा फायदा भारत को ही होगा.
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पिछले साल से ज्यादा हुआ आयात
आपको बता दें कि Aframax tanker Shanghai Dawn ने भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के जामनगर पोर्ट से लगभग 80 हजार टन VGO खरीदी थी जो कि अक्टूबर के आखिरी में या नवंबर अमेरिका पहुंचा था. पिछले साल की तुलना में इस साल भारत ने अमेरिका को काफी अधिक मात्रा में वैक्यूम गैस ऑयल निर्यात किया है.
आपको बता दें कि मई 2021 में अमेरिका ने भारत से जहां केवल एक कार्गो VGO खरीदा था. वहीं, इस साल अमेरिका ने अभी तक कई खेप कार्गो VGO खरीद चुका है जो कि पिछले साल से कहीं ज्यादा है जिसका फायदा भारत हो रहा है.
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अमेरिका रूस से लेता था सबसे ज्यादा वीजीओ
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध से पहले अमेरिका को वीजीओ का निर्यात सबसे ज्यादा रूस ही करता था लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है. यूक्रेन युद्ध के चलते अमरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. भारत इस वीजीओ मार्केट का एक बड़ा खिलाड़ी है. ऐसे में अब अमेरिका रूस की जगह भारत से यह आयात कर रहा है. भारत के लिए फायदे की बात यह है कि इस गैस के लिए कच्चा तेल भारत महंगे अंतर्राष्ट्रीय मार्केट से नहीं बल्कि रूस से मंगा रहा है और यह भारत के लिए फायदे का सौदा बन गया है.
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