इजरायल लगातार फिलिस्तीन के गाजा में हमास के साथ संघर्षरत है. साथ ही हिजबुल्लाह के साथ लेबनान में और हुती विद्रोहियों के साथ यमन में युद्धरत है, और ईरान के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है. ये सारा कॉन्फलिक्ट फिलिस्तीन और फिलिस्तीनियों के साथ शुरु हुआ है. फिलिस्तीनियों के मुताबिक ये लड़ाई उनके हक और हकूक की लड़ाई है, वहीं इजरायल की माने तो उनका संघर्ष आतंकवाद के खिलाफ है.
भारत ने गाजा के लोगों के लिए भेजी करोड़ों की मदद
इजरायल और फिलिस्तीन विवाद को लेकर UNSC में जारी बहस के दौरान भारत के UN में स्थायी दूत पार्वथानेनी हरीश ने देश का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि भारत फिलिस्तीनी जनता के पक्ष में अधिक से अधिक करने के लिए तत्पर है. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने गाजा के लोगों के लिए 1009 करोड़ रुपए की मदद भेजा हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि हमने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की आलोचना की, साथ ही सभी बंधकों को फौरन छोड़े जाने पर बल दिया. आपको बताते चलें कि ये बहस की अगुवाई स्विट्जरलैंड के संघीय पार्षद इग्नाजियो कैसिस कर रहे थे.
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टू-स्टेट वाली नीति पर जोर
पार्वथानेनी हरीश की ओर से आगे कहा गया कि, 'हम टू-स्टेट वाली नीति के साथ हैं, जिसमें दोनों की समहति के साथ एक तय सीमा के अंदर एक संप्रभु और स्वतंत्र फिलिस्तीन का निर्माण की बात है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक अमनपसंद और स्थिर मिडिल-ईस्ट के अपने नजरिए के साथ बड़े यकीन को दिखाता है.'
क्या इजरायल बुरा मान जाएगा?
जब यूएन में भारत फिलिस्तीन के पक्ष में अपनी बात रखी है तो ऐसे में लोगों के जहन में ये सवाल आना लाजमी है कि क्या इससे इजरायल बुरा मान जाएगा. जानकारों के मुताबिक भारत यूएन के मंच पर इससे पहले भी फिलिस्तीनियों के हक में अपनी बात रख चुका है, दोनों ही भारत और इजरायल कई मोर्चों पर एक-दूसरे के स्ट्रैटेजिक पार्टनर्स हैं, ऐसे में दोनों के बीच मजबूत रिश्ते बने रहेंगे.
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