India-US Defense Deal: भारत ने अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मंगलवार को दोनों देशों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के मौजूदगी में इस रक्षा सौदा पर हस्ताक्षर किया गया. यह सौदा भारतीय सेना की हवाई ताकत में बड़ा इजाफा करेगा और इसे हिंद महासागर क्षेत्र में चीन जैसी शक्तियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते हुई सुरक्षा कैबिनेट कमिटी (CCS) की बैठक में अमेरिका से 31 प्रीडेटर MQ-9B ड्रोन खरीदने के समझौते को मंजूरी दी गई थी.
3.99 बिलियन डॉलर का रक्षा सौदा
भारत और अमेरिका के बीच यह समझौता करीब 3.99 बिलियन डॉलर (करीब 32,000 करोड़ रुपये) का है. फरवरी 2024 में अमेरिका ने इस सौदे को मंजूरी दी थी, जिसके तहत भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना को 31 प्रीडेटर ड्रोन मिलेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से 15 ड्रोन भारतीय नौसेना को मिलेंगे, जबकि बाकी ड्रोन को भारतीय वायु सेना और थल सेना के बीच बराबर बांटा जाएगा.
क्या है इस ड्रोन की विशेषताएं
MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की लंबी उड़ान भरने की क्षमता इसे और खास बनाती है. यह ड्रोन लगातार 40 घंटे तक बिना रुके उड़ सकता है और इसकी रेंज 2,000 मील तक है. साथ ही, यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और 442 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है. यह किसी भी मौसम में काम करने में सक्षम है और अपने स्टेल्थ फीचर्स के कारण दुश्मन के रडार से बच सकता है. यह ड्रोन 450 किलोग्राम विस्फोटक और चार हेलफायर मिसाइलें लेकर उड़ सकता है, जिससे इसे ‘हंटर किलर’ के रूप में जाना जाता है. यह न केवल हवा से जमीन पर बल्कि हवा से हवा में भी मार कर सकता है, जिससे भारतीय रक्षा बलों को रणनीतिक बढ़त मिलेगी.
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हिंद महासागर में चीन पर रखी जाएगी नजर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते के बाद भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर निगरानी रखने में सक्षम होगा. पिछले कुछ सालों से चीन इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा के लिहाज से खतरे बढ़ गए हैं. यह ड्रोन भारत की सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. गौरतलब है कि 2022 में अल कायदा के आतंकवादी आयमन अल जवाहिरी को अमेरिका ने इसी प्रीडेटर ड्रोन की मदद से मार गिराया था.
रक्षा क्षमताओं में बड़ा बदलाव
यह सौदा भारतीय सुरक्षा बलों के लिए न केवल तकनीकी रूप से उन्नत बल्कि रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण साबित होगा. यह ड्रोन उन्नत हथियार प्रणाली, स्टेल्थ तकनीक और लंबी उड़ान क्षमता के कारण भारत की सैन्य क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम देश की रक्षा रणनीति को और सुदृढ़ करेगा और वैश्विक स्तर पर भारतीय सेना की शक्ति का प्रदर्शन करेगा.
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