डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन का युद्ध अभी समाप्त भी नहीं हुआ था कि एक और युद्ध ने वर्ल्ड वॉर जैसी स्थिति पैदा कर दी है. यह युद्ध इजरायल और हमास की बीच शुरू हुआ है. हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को अचानक एक के बाद एक मिसाइल दागकर इजरायल पर हमला कर दिया. इसमें अब तक 1100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इजरायल ने भी पलटवार किया है. हमास के सैन्य ठिकानों पर रॉकेट दागकर तबाह कर दिया है. इस बीच इस युद्ध में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. अमेरिका ने हमास के खिलाफ जंग में इजरायल को समर्थन और सैन्य मदद देने का ऐलान किया है.
अमेरिका ने जहाजों और फाइटर विमानों को इजरायल के पास तैनात करने का आदेश दिया है. अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने नौसेना के फोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (USS Gerald R. Ford) को इजराइल की सहायता के लिए तैयार रहने के मकसद से पूर्वी भूमध्य सागर जाने का आदेश दिया है. ऑस्टिन ने कहा कि यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड के लगभग 5,000 सैनिकों और युद्धक विमानों के साथ क्रूजर और विध्वंसकों को भेजा जाएगा. इसका संभावित मकसद अतिरिक्त हथियारों को हमास तक पहुंचने से रोकना और निगरानी रखना है.
गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास ने शनिवार सुबह इजरायल के दक्षिण में हवा, भूमि और समुद्र से अचानक हमला कर दिया था. इन हमलों में सैनिकों समेत कम से कम 600 इजराइली मारे गए. इसे बीते 50 साल में देश में हुआ सबसे भीषण हमला माना जा रहा है. इजराइल के जवाबी हमले में गाजा पट्टी में लगभग 300 लोगों की मौत हुई है. अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिला है कि हमलों में कम से कम चार अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई है और 7 अन्य अमेरिकी लापता हैं.
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US ने इन फाइटर विमानों को भेजा
अमेरिका फोर्ड के अलावा क्रूजर यूएसएस नॉरमैंडी, विध्वंसक 'यूएसएस थॉमस हडनर', 'यूएसएस रैमेज', ‘यूएसएस कार्नी’ और ‘यूएसएस रूजवेल्ट’ को भी भेज रहा है. इसके अलावा अमेरिकी वायु सेना के एफ-35, एफ-15, एफ-16 और ए-10 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन को भी क्षेत्र में भेजा जा रहा है. कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पहले से ही भूमध्य सागर में था. उसने पिछले सप्ताह इटली के साथ आयोनियन सागर में नौसैनिक अभ्यास किया था. यह अमेरिका का लेटेस्ट और उन्नत विमानवाहक पोत है और यह इसकी पहली पूर्ण तैनाती है.
World War-3 का खतरा
इजरायल-हमास के युद्ध में अमेरिका के उतरने के बाद 40 साल पुराने हालात बनने जा रहे हैं. दरअसल, हमास की तरह 1973 में मिस्र और सीरिया ने इजरायल पर हमला किया था. उस दौरान इजरायल ने अमेरिका से मदद मांगी तो सोवियत संघ मिस्त्र और सीरिया के पक्ष में आकर खड़ा हो गया था. यह युद्ध और तीव्र हो गया था. स्थिति ऐसी पैदा हो गई थी कि दोनों के साथ अलग-अलग देश जुड़ने लगे थे. लेकिन कई दिनों तक चले इस संघर्ष के बाद इसराइल को सिनाई प्रांत से अपनी सेना पूरी तरह हटानी पड़ी थी. इसके बाद यह युद्ध थम गया था.
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