डीएनए हिंदी: इजरायल और हमास के बीच शांति की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है और दो महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी युद्ध जार है. इजरायली सेना ने गलती से हमास की कैद में मौजूद 3 बंधकों की हत्या कर दी है. इसके बाद से पूरे इजरायल में बवाल मचना शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस पर दुख जताते हुए कहा कि यह बेहद दुखद घटना है और पूरा देश पीड़ितों के साथ है. ताजा जानकारी के मुताबिक, यरुशलम की ओर से रॉकेट दागे गए हैं. लगातार बमबारी और हवाई हमलों के बाद से गाजा पट्टी तहस-नहस हो चुकी है. लोग बेघर होकर शेल्टर होम्स में शरण लेने के लिए मजबूर हैं. ठंड और बारिश की वजह से लोगों के लिए मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
इजरायल की सेना के हमले में बंधक मारे जाने की खबर के बाद से पूरे देश में बवाल मच गया है. नाराज लोगों ने तेल अवीव में इजरायली सेना के हेडक्वाटर्स के बाहर प्रदर्शन किया है. इजरायली सेना ने दावा किया है कि यह गलती से हुआ क्योंकि उन्हें लगा कि बंधक खतरा हो सकते हैं और उन्हें उनकी पहचान करने में त्रुटि हुई है. फिलिस्तीन तक मानवीय मदद पहुंचाने के लिए आईडीएफ ने अपने रास्ते से जाने की इजाजत दी है. युद्ध शुरू होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब मानवीय मदद इजरायल के रास्ते होकर जा पाएगी.
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गाजा की 85 फीसदी आबादी बेघर
7 अक्टूबर से इजरायल ने गाजा में 22 हजार से ज्यादा ठिकानों पर बमबारी की है. इसके बाद से लगातार एयर स्ट्राइक जारी हैं जिसमें अब तक 19 लाख फिलिस्तीनी बेघर हो गए हैं. यह गाजा की आबादी का 85 फीसदी हिस्सा हैं. गाजा पट्टी में इस वक्त बारिश भी हो रही है और इस वजह से ठंड काफी बढ़ गई है. लोगों के लिए युद्ध और बीमारी के बीच अपनी जान बचाना रोज मुश्किल होता जा रहा है. दूसरी ओर इजरायल ने युद्ध विराम से साफ इनकार कर दिया है.
मलबे में तब्दील हुआ गाजा, अस्पतालों में नहीं बचे बेड
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गाजा में अब सिर्फ 11 अस्पताल वर्किंग कंडीशन में हैं. अस्पतालों में संख्या से कहीं ज्यादा मरीज भरे हुए हैं और डॉक्टर और नर्सों पर काम का बहुत दवाब है. लगातार बमबारी और हमले में शहर के कई अस्पताल, स्कूल और सार्वजनिक इमारतों को भारी नुकसान हुआ है. उत्तरी गाजा ही नहीं दक्षिणी हिस्से में भी भारी तबाही का मंजर देखने को मिला है.
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