'उपदेश देने की कोई जरूरत नहीं है...' गाजा पर बमबारी के बीच इजरायली पीएम नेतन्याहू ने क्यों दिया ऐसा बयान?

| Updated: Sep 03, 2024, 01:10 PM IST

Benjamin Netanyahu

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि गाजा-मिस्र सीमा पर इजरायल की मौजूदगी ‘अस्तित्व का मुद्दा’ है. साथ ही उन्होंने गाजा में छह बंधकों की हत्या के लिए आतंकवादी समूह से ‘कीमत वसूलने’ की कसम खाई है.

गाजा पर पिछले एक साल से चल रही बमबारी के विरोध में इजरायल की जनता बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को संघर्ष विराम की सलाह दी है. इसके बावजूद नेतन्याहू ने पीछे हटने से इंकार कर दिया है. उन्होंने सोमवार को गाजा में युद्ध विराम की बढ़ती मांग को खारिज कर दिया. यह मांग करीब 11 महीने से चल रहे संघर्ष और छह और मृत बंधकों की खोज के बाद की गई है.

फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर कब्जा नहीं हटाएगा इजरायल

अपने खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच पहले सार्वजनिक संबोधन में, नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि इजरायल फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर अपना कंट्रोल नहीं हटाएगा. फिलाडेल्फी कॉरिडोर मिस्र से सटी गाजा की सीमा पर एक संकरी पट्टी है. इजरायल का मानना ​​है कि इस गलियारे का इस्तेमाल हमास द्वारा गाजा में हथियारों की तस्करी के लिए किया जाता है, हालांकि मिस्र और हमास इस दावे से इनकार करते रहे हैं. नेतन्याहू ने इस गलियारे को हमास को फिर से हथियारबंद होने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण बताया और इसे समूह की 'ऑक्सीजन' बताया है.

'प्रतिबद्ध हूं, लेकिन उपदेश नहीं चाहिए'

नेतन्याहू ने बंधकों के प्रति अपनी भावनाओं पर जोर देते हुए कहा, 'बंधकों को मुक्त कराने के लिए मुझसे ज़्यादा कोई प्रतिबद्ध नहीं है. इस मुद्दे पर कोई भी मुझे उपदेश नहीं देगा.' नेतन्याहू को इजरायलियों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा, जो रविवार रात सड़कों पर उतरे और संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन किया.


ये भी पढ़ें: Bahraich Bhediya Attack: अमावस की रात आदमखोर भेड़ियों ने फिर से किया अटैक, 5 साल की मासूम को बनाया शिकार, लोगों में दहशत


युद्ध के खिलाफ पूरे देश में हड़ताल की गई

बंधकों की मौत पर दुखी और गुस्से में कई प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू पर हमास के साथ समझौता न करने का आरोप लगाया, जिससे लोगों की जान बच सकती थी. इसके जवाब में सोमवार को पूरे देश में एक दुर्लभ आम हड़ताल की गई. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी यरुशलम में नेतन्याहू के निजी आवास के बाहर एकत्र हुए, समझौते के लिए नारे लगाए और इजरायली झंडे में लिपटे ताबूत ले गए.

क्या है हमास की नई बंधक नीति?
इस बीच, बाइडेन ने नेतन्याहू के प्रयासों पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इजरायली नेता स्थिति को हल करने के लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं. बाइडेन ने कहा कि वार्ता एक समझौते के करीब है, लेकिन उन्होंने समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया.तनाव को और बढ़ाते हुए हमास की आर्मी ने सोमवार को घोषणा की कि उन्होंने जून से नए निर्देश लागू कर दिए हैं कि यदि इजरायली सेना आती है तो बंधकों से कैसे निपटा जाए.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.