Israel Hamas War: हमास के पास अब बचने का कोई रास्ता नहीं, इजरायल ने उतारा सबसे खतरनाक वॉरशिप

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 12, 2023, 05:09 PM IST

USS Gerald R Ford 

USS Gerald R Ford: इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध में अमेरिका ने दुनिया का सबसे खतरनाक वॉरशिप उतारा है. अमेरिका ने सबसे बड़े, महंगे और हाइटेक हथियारों से लैस युद्धपोत को इजरायल को देने का फैसला किया है. अब समुद्र के रास्ते भी हमास को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. 

डीएनए हिंदी: इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच जारी संघर्ष में अब हमास के लिए स्थितियां और चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं. अमेरिका ने दुनिया के सबसे बड़े, महंगे और हाइटेक हथियारों से लैस युद्धपोत गेराल्ड आर फोर्ड मदद के तौर पर इजरायल को देने का फैसला किया है. समुद्र से इस युद्धपोत की मारक क्षमता अचूक है और ऐसे में अगर इजरायली सेना इसका इस्तेमाल करती है तो हमास के लिए युद्ध में यह चौतरफा हमला होगा. दोनों ओर से हो रहे संघर्ष में अब तक 2,000 से ज्यादा लोगों के जाने की खबरें हैं. इजरायली सेना और सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह युद्ध है और इसे हर हाल में जीतना है. युद्ध को लेकर नेतन्याहू सरकार की गंभीरता इससे समझ सकते हैं कि 3 लाख सैनिकों को रिजर्व में बुलाया गया है. 

अमेरिका ने अपने खास सहयोगी इजरायल को USS गेराल्ड फोर्ड देने का फैसला किया है. इसकी ताकत का अंदाजा कि एक साथ लगभग पांच हजार जवान, 90 लड़ाकू विमान, हेलिकाप्टर का ऑपरेशन मैनेज कर सकता है. इस वॉरशिप की ताकत का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि इसे बनाने में 18 अरब अमेरिकी डॉलर लगे हैं. अमेरिकी नौसेना का सबसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस युद्धपोत है. इसके बारे में कहा जाता है कि यह पलक झपकते दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर सकता है. 

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समु्द्र में गोली की रफ्तार से चलने में माहिर है यह युद्धपोत
इस युद्धपोत का आकार काफी बड़ा है लेकिन इसके बावजूद इसकी खासियत गोली की रफ्तार से आगे बढ़ने की क्षमता है. यह 90 लड़ाकू विमान और अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर अपने साथ कैरी कर सकता है. इस पर साढ़े चार हजार अधिकारी-कर्मचारी तैनात हैं. बताया जाता है कि इस टीम के साथ विशेषज्ञों और वैज्ञानिक की भी एक टीम है जो लगातार सभी तकनीकी पहलुओं पर नजर रखती है. समुद्र में इसकी स्पीड 56 किलोमीटर प्रति घंटा आंकी गई है, जिसे समुद्री रफ्तार के लिहाज से तेज रफ्तार कह सकते हैं.

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जहाज का विशाल आकार और हाईटेक तकनीक बनाते हैं खास
यह 337 मीटर लंबा, 78 मीटर चौड़ा और 76 मीटर ऊंचा है. यह एक लाख टन तक की क्षमता के साथ समुद्र का सीना चीरते हुए यात्रा कर सकता है. इसमें रडार और सेंसर भी लगे हैं जो दुश्मन के आक्रमण को भांप सकता है और इस लिहाज से बेहद सुरक्षित भी है. इसके अलावा, समुद्र के अंदर रहते हुए इसे बिजली के लिए कोई मुश्किल नहीं होती है. जहाज में बिजली उत्पादन की सुविधा है. इसका नामकरण अमेरिकी राष्ट्रपति रहे गेराल्ड आर फोर्ड के नाम पर किया गया है. फोर्ड अमेरिका की राजनीति में उतरने और राष्ट्रपति बनने से पहले नौसेना में थे और इसलिए उनके सम्मान में जहाज का यह नाम रखा गया है.

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