डीएनए हिंदी: इजरायल पर हमास के हमले के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति है. इजरायल ने हमास को मिटा देने का ऐलान किया है. उसने ईरान पर भी आरोप लगाए हैं कि उसने लेबनान के हिज्बुल्ला और गाजा के हमास आतंकियों की मदद की है. इस सबके बीच इजरायल पर हमले की तारीख को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. हर कोई इसकी तारीख के चयन को लेकर हैरान है. दरअसल, 7 अक्टूबर की तारीख का कनेक्शन 50 साल पहले हुए ऐसे ही एक हमले से है. इस बार हमास के हमले को भी उसी तारीख से जोड़कर देखा जा रहा है.
साल 1973 की बात है. इजरायल पर एक और हमला हुआ था. तब 6 अक्टूबर को सीरिया और मिस्र ने एकसाथ ही इजरायल पर हमला बोल दिया था. उस वक्त इजरायल के लोग शबात के आयोजन में व्यस्त थे. इस दिन इजरायल में धार्मिक त्योहार की वजह से छुट्टी होती है. यहूदियों के लिए यह दिन बेहद खास होता है और लोग प्रार्थना करते हैं.
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6 अक्टूबर 1973 को हुआ था हमला
माना जाता है कि धार्मिक लड़ाई होने की वजह से ही हमास ने इजरायल पर हमला इसी तारीख को चुना. बता दें कि उस हमले के बाद ही हमास का उदय होना शुरू हुआ था. हालांकि, 1973 में हुए हमले के बाद भी इजरायल विजयी बनकर उभरा था और बाकी के देशों को मुंह की खानी पड़ी थी. इससे साफ है कि हमास के मन में वो कड़वी यादें आज भी मौजूद हैं और उसके घाव अभी भरे नहीं हैं.
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1973 में हुई इस जंग को योम किप्पुर युद्ध कहा जाता है. सबसे चाक-चौबंद देश माने जाने वाले इजरायल पर हुए इस हमले से खुद इजरायल भी हैरान है और उसने इसकी तुलना '9/11' से कर दी है. इजरायल ने साफ कहा है कि इस बार वह हमास का खात्मा करके ही दम लेगा.
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