इजरायल की सैन्य क्षमता और तकनीक का लोहा पूरी दुनिया मानती है. ईरान के बड़े ड्रोन हमले (Iran Drone Attack) को इजरायल ने नाकाम कर दिया है. इसके बाद से इजरायल के डिफेंस सिस्टम एक बार फिर से चर्चा में है. आईडीएफ (IDF) की ओर से दिए बयान में कहा गया कि इजरायल ने'एरो एरियल डिफेंस सिस्टम' की मदद से सभी ड्रोन को मार गिराया. क्या है यह एरो डिफेंस सिस्टम जिसने इजरायल के लिए आसमान में अभेद्य सुरक्षा किला बनाया है.
अमेरिका की मदद से तैयार किया गया डिफेंस सिस्टम
इजरायल ने एरो डिफेंस सिस्टम (Arrow Defence System) को अमेरिका की मदद से तैयार किया है. इजरायल की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और अमेरिकी मिसाइल रक्षा एजेंसी ने मिलकर इस अभेद्य सुरक्षा सिस्टम को तैयार किया है. आसमान में सुरक्षा को पुख्ता बनाने के इरादे से 1980 के दशक में इस पर काम शुरू हुआ था. 1990 के दशक में एरो 1 तैयार किया गया जिसके बारे में कहा जाता है कि यह 7 स्तर पर परीक्षण के दौर से गुजरा था. इसकी उन्नत तकनीक के तौर पर एरो 2 बनाया गया और फिर इसका मौजूदा सुपर अडवांस्ड वर्जन एरो 3 आया.
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कैसे काम करता है यह जटिल सिस्टम
अपने जन्म के साथ ही इजरायल लगातार सुरक्षा के स्तर पर चुनौतियों का सामना कर रहा है. यही वजह है कि इजरायल ने डिफेंस सिस्टम में हमेशा बहुत निवेश किया है. जल, थल और वायु सेना को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए इजरायली डिफेंस सिस्टम कई स्तरों पर काम करता है. एरो डिफेंस सिस्टम (Arrow Defence System) आसमान में इजरायल की सुरक्षा के लिए सबसे ऊपरी स्तर पर काम करता है.
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हवा में लंबी दूरी के मिसाइलों को बेअसर करता है एरो 3
इजरायल का एरो 3 हवा में लंबी दूरी के मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. इजरायल की वायु सुरक्षा तीन स्तरों पर काम करती है. सबसे पहले आता है आयरन डोम, जो कि छोटी दूरी के मिसाइलों को मार गिराता है. इसके बाद डेविड स्लिंग है, जो मध्यम से लंबी दूरी का इंटरसेप्टर है. तीसरे स्तर पर एरो 3 है जो बड़ी दूरी की मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने में सक्षम है.
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