जापान (Japan) की राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर पिछले आधे दशक से चल रहा है. पिछले 4 साल में 3 बार देश के पीएम बदले गए हैं. अब सत्तारूढ़ पार्टी ने पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा (Shigeru Ishiba) को नेता चुना है. इशिबा इससे पहले रक्षा मंत्री रह चुके हैं. वह उत्तर कोरिया और चीन के खिलाफ अपने आक्रामक तेवरों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने इन दो शक्तियों से निपटने के लिए 'एशियाई नाटो' बनाने का भी सुझाव दिया है. जापान में उनकी छवि सख्त और स्पष्टवादी नेता के तौर पर है.
अमेरिका के खिलाफ मुखर बयानों के लिए भी रहे हैं चर्चित
जापान के नए प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा को अमेरिका के खिलाफ मुखर बयान देने के लिए भी जाना जाता है. अमेरिका और जापान दशकों से एक-दूसरे के भरोसेमंद सहयोगी हैं. हालांकि, इसके बावजूद भी इशिबा बार-बार इस बात की वकालत करते हैं कि रक्षा और विदेश मामलों में अमेरिका के पीछे चलने के बजाय जापान को ज्यादा स्वायत्तता के साथ काम करना चाहिए. वह जापान पर अमेरिका के प्रभाव को कम करने के पक्षधर माने जाते हैं.
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रक्षा मंत्री के तौर पर चर्चित रहा है कार्यकाल
शिगेरु इशिबा का कार्यकाल रक्षा मंत्री के तौर पर चर्चित रहा है. वह अपने केबिन में भी युद्धपोत और लड़ाकू विमान के मॉडल रखा करते थे. इस बार मुख्य मुकाबला आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची और इशिबा के बीच था. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि देश को अपनी पहली महिला प्रधानमंत्री मिल सकती है. हालांकि, पहले और दूसरे दौर के मतदान के बाद इशिबा ने अपनी जीत पक्की कर ली है.
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