जापान के निहोन हिडानक्यो (Nihon Hidankyo) को साल 2024 का नोबोल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2024) मिला है. नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने इस पुरस्कार की घोषणा की है. इस संगठन को यह पुरस्कार इसलिए दिया गया है, क्योंकि इसने परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया बनाने के प्रयासों और गवाहों के बयानों के माध्यम से यह साबित करने की कोशिश है कि परमाणु हथियारों का फिर कभी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु बम विस्फोटों के बचे लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले जापानी संगठन निहोन हिडानक्यो को दिया है. इस समूह को परमाणु मुक्त दुनिया की वकालत करने और परमाणु युद्ध की भयावहता पर अपनी शक्तिशाली गवाही के लिए सम्मानित किया गया.
'दर्दनाक यादों के बावजूद..'
समिति ने कहा कि इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार निहोन हिडांक्यो को प्रदान करते हुए नॉर्वेजियन नोबेल समिति उन सभी जिंदा बचे लोगों को सम्मानित करना चाहती है, जिन्होंने शारीरिक पीड़ा और दर्दनाक यादों के बावजूद, शांति के लिए आशा और जुड़ाव पैदा करने के लिए अपने अनुभवों को साझा करने की कोशिश की.
क्या है निहोन हिंडानक्यो संगठन
जापान में परमाणु बम विस्फोटों के पीड़ितों की सबसे बड़ी और प्रभावशाली संस्था निहोन हिंडानक्यो की स्थापना 1956 में हुई. इस संस्था का उद्देश्य न्यूक्लिअर हथियारों का मानवता पर पड़ने वाला भयावह प्रभाव पर वैश्वक जागरूकता फैलाना है.
यह भी पढ़ें - Nobel Prize In Physics: इस खोज के लिए मिला Geoffrey Hinton और John Hopfield को फिजिक्स का नोबेल
जानकारी के मुताबिक नॉर्वेजियन नोबेल समिति को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 286 उम्मीदवारों के आवेदन मिले थे. पिछली बार यानी साल 2023 में ईरानी पत्रकार और ह्यूमन राइट्स कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.