Khalistan Referendum: भारत सरकार ने कनाडा को लगाई लताड़, तुरंत यह काम करने को कहा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 13, 2022, 08:59 AM IST

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कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा लगातार भारत विरोधी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. भारत सरकार ने इसपर आपत्ति जताई है.

डीएनए हिंदी: कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियां लगातार अंजाम दी जा रही है. कनाडा  में लंबे समय से भारत के पंजाब राज्य में फिर से अशांति पैदा करने के लिए 'खालिस्तान' को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है. आने वाली 6 नवंबर को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन "सिख फॉर जस्टिस" द्वारा ओंटारियो में "खालिस्तान जनमत संग्रह" नाम से एक और भारत विरोधी कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है. भारत सरकार ने इस कार्यक्रम को लेकर कनाडा सरकार के सामने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है. भारत सरकार ने कनाडा से 6 नवंबर को होने जा रहे इस कार्यक्रम की निंदा करने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के खिलाफ आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.

भारत सरकार ने जस्टिन ट्रूडो सरकार से तथाकथित जनमत संग्रह को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि किसी भी कनाडाई सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल भारतीय लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने या हिंसा का आह्वान करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

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मंगलवार को ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने ओंटारियो में ग्लोबल अफेयर्स कनाडा के कार्यकारी निदेशक से SFJ के कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मिसिसॉगा में पॉल कॉफ़ी एरिना में 6 नवंबर तथाकथित जनमत संग्रह दूसरा गैरकानूनी कार्यक्रम होगा. इससे पहले प्रतिबंधित SFJ ने 18 सितंबर को ब्रैम्पटन, ओंटारियो में इसी तरह का एक और कार्यक्रम किया था.

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भारत ने कनाडा को सूचित किया है कि भारत विरोधी ऐसी गतिविधियों को हिंसक आतंकवादी संगठनों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. ये आतंकी संगठन निर्दोष नागरिकों की हत्या की वकालत करते हैं.

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भारतीय उच्चायोग ने कनाडा सरकार को यह भी याद दिलाया है कि दोनों देश एक-दूसरे की सुरक्षा और राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक गतिविधियों के लिए अपने क्षेत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं देने के लिए उच्चतम स्तर पर सहमत हुए थे. जिसपर कनाडा की तरफ से 16 सितंबर 2022 को कहा गया था कि वह इस तरह के तथाकथित "जनमत संग्रह" को मान्यता नहीं देती है.

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हालांकि भारत सरकार लगातार कनाडा से इस तरह के कार्यक्रमों की निंदा करने की मांग कर रही है. आपको बता दें कि भारत ने बार-बार कनाडा और अमेरिका से SFJ के आतंकी जी एस पन्नू के खिलाफ सुरक्षा और राजनयिक चैनलों के माध्यम से कार्रवाई करने के लिए कहा है लेकिन दोनों देशों की तरफ से अभी तक कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है.

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