कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त को बंदी बनाने की साजिश, पन्नू ने रखा 1 लाख डॉलर का इनाम

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 13, 2023, 11:58 AM IST

Gurupwant Singh Pannun

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर 19 नवंबर को अहमदाबाद में होने वाले आईसीसी वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान एयर इंडिया में सफर नहीं करने की धमकी दी थी.

डीएनए हिंदी: प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश रचने के फिराक में है. वह कनाडा में भारतीय राजनयिकों को बंदी बनाने का प्लान बना रहा है. पन्नू ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को ‘सिटिजन अरेस्ट’ (Citizen Arrest) करने के लिए 1 लाख डॉलर नकद इनाम देने की घोषणा की है. पन्नू ने आरोप लगाया कि संजय वर्मा ने एयर इंडिया के लिए आतंकी खतरे का माहौल बनाकर कनाडाई सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की है.

दरअसल, हाल ही में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी किया था. जिसमें उसने 19 नवंबर को अहमदाबाद में होने वाले ICC वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान एयर इंडिया फ्लाइट में सफर नहीं करने की धमकी दी थी. पन्नू ने कहा था कि फाइनल मैच के दौरान लोग एयर इंडिया के विमान में सफर न करें, अन्यथा घटना के लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे. हालांकि, कनाड़ा सरकार ने रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस को इस वीडियो की जांच के आदेश दिए थे. 

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पन्नू ने भारतीय उच्चायुक्त पर लगाया बड़ा आरोप
पन्नू का कहना है कि हरदीप सिहं निज्जर की हत्या की जांच से ध्यान भटकाने के लिए भारत चाल चल रहा है. भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा ने 19 नवंबर को ICC वर्ल्ड कप फाइनल के दिन एयर इंडिया विमान पर आतंकी खतरे की झूठी अफवाह उड़ाई. क्योंकि निज्जर की हत्या में भारतीय उच्चायोग की अहम भूमिका है, इसलिए वह कनाड़ा की जांच को पटरी से उतारने के लिए बॉयकॉट एयर इंडिया और आतंकी खतरे का गलत प्रचार कर रहे हैं. पन्नो ने कहा कि भारत की साजिश कनाडाई सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने की है.

क्या होती है नागरिक गिरफ्तारी?
एक ऐसा नागरिक जो किसी पुलिस या कानूनी एजेंसी से नहीं है और वह किसी अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार करता है तो नागरिक गिरफ्तारी (Citizen Arrest) कहा जाता है. कुछ देशों में पुराने जमाने से ऐसा कानून चला आ रहा है कि कोई भी नागरिक दूसरे नागरिक को गिरफ्तार कर सकता है. दरअसल इसके पीछे की वजह यह है कि अगर किसी व्यक्ति कानून तोड़ा है, वह अपराधी है और वह कानूनी शिकंजे में नहीं आ रहा है तो उसे आम नागरिक गिरफ्तार कर सकता है. इंग्लैंड में आपराधिक साक्ष्य अधिनियम 1984 की धारा 24ए(2) की तहत प्रावधान है. 

हालांकि इसमें कानूनी पहलू भी है. अगर कोई गलत व्यक्ति पकड़ा जाता है या किसी संदिग्ध के नागरिक अधिकारों का उल्लंघन होता है तो जो कोई भी नागरिक की गिरफ्तारी करता है उसे संभावित मुकदमों या आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ सकता है.

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