विदेश में 'मेजबान' बने पीएम मोदी, लंच में पैसेफिक देशों के नेताओं को दी खांडवी से कोल्हापुरी तक की चॉइस

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 22, 2023, 08:27 PM IST

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PM Modi in Papua New Guinea: पीएम मोदी ने FIPIC के तीसरे शिखर सम्मेलन में शामिल नेताओं को पापुआ न्यू गिनी की धरती पर मेजबना बनकर लंच कराया. इस लंच के मेन्यू में खासतौर पर भारतीय व्यंजन और मोटे अनाज से बनीं डिश शामिल की गईं.

डीएनए हिंदी:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी में सोमवार को फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (FIPIC) के तीसरे शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं की लंच पर मेजबानी की. पीएम ने लंच में भारतीय व्यंजन और मोटे अनाज से बनीं डिश विशेष रूप से शामिल कराईं. भोजन में पीएम मोदी के गृह राज्य का मशहूर भोजन खांडवी भी परोसा गया. यह काम पीएम मोदी के मोटे अनाज को बढ़ावा देने की कवायद के तहत किया गया.

FIPIC के नेताओं से पीएम मोदी की मुलाकात के तहत आयोजित लंच में सभी को मोटे अनाज से परिचित कराया गया. इस लंच के दौरान नेताओं ने खांडवी, मोटे अनाज एवं सब्जियों के जूस लिए. इसके साथ बेसन से बनने वाली राजस्थान की मशहूर सब्जी राजस्थानी रागी गट्टा करी भी परोसी गई. 

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नेताओं को परोसे गए ऐसे व्यंजन

पैसिफिक देश के नेताओं ने पीएम मोदी के साथ दाल पंचमेल, बाजरा बिरयानी, मसाला छाछ आनंद लिया. इसके साथ मीठे में पान और मालपुआ परोसा गया. वहीं, अगर पेय पदार्थ की बात करें तो उसमें मसाला चाय, ग्रीन टी, पुदीने की चाय और ताजा पीसी गई पीएनजी की कॉफी शामिल की गई थी. 

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क्या है मोटा अनाज? 

मोटे अनाज वाली फसलों में ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू फसलें आती हैं. भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान के अनुसार, रागी यानी फिंगर मिलेट में कैल्शियम की मात्रा अच्छी होती है. जानकारी के लिए बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में मोदी सरकार के कहने पर 2010 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया था. गौरतलब है कि मोटा अनाज मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक है. इसे शुष्क भूमि पर बहुत कम निवेश के साथ उगाया जा सकता है.

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