फॉजिया अमीन सीडो, एक यजीदी महिला हैं, जिन्हें इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) और अमेरिकी दूतावास के साथ संयुक्त अभियान में गाजा की कैद से छुड़ाया गया है. फॉजिया अमीन ने एक ब्रिटिश डॉक्यूमेंटरी फिल्ममेकर को बताया कि इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों द्वारा कई अन्य यजीदियों के साथ किडनैप किए जाने के बाद उन्हें यजीदी बच्चों का मांस खिलाया गया.
डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता एलन डंकन, जिन्होंने ब्रिटिश सेना में भी काम किया है और इराकी कुर्दों के साथ स्वैच्छिक रूप से काम किया है. फिल्ममेकर से बात करते हुए फॉजिया ने बताया कि नौ साल की उम्र में उन्हें उनके छोटे भाइयों के साथ आईएसआईएस ने बंधक बना लिया था.
सामूहिक हत्याएं, यौन दासता की यातनाएं
2014 से, ISIS ने इराक में यजीदी समुदाय को सिस्टमैटिकली निशाना बनाया. सामूहिक हत्याओं, यौन दासता, जबरन धर्मांतरण और विस्थापन के जरिए यातनाएं दीं. हजारों यजीदी मारे गए और कई महिलाओं और बच्चों का अपहरण किया गया. फॉजिया एक प्राचीन धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की सदस्य हैं. यह समुदाय ज्यादातर इराक और सीरिया में पाया जाता है. इस समुदाय के 5,000 से ज्यादा सदस्य 2014 में ISIS अभियान में मारे गए और हजारों लोगों का अपहरण किया गया, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने नरसंहार बताया.
'बच्चों का मांस उनकी माओं को खिलाया गया'
Sun और Jerusalem Post के अनुसार फॉजिया ने बताया कि उन्होंने हमें बताया कि वो हमें खाना देंगे. उन्होंने चावल बनाए और मांस खाने को दिया. मांस का स्वाद अजीब था और हमें से बहुत को बाद में पेट में दर्द हो गया. जब हमने खाना खत्म किया, तो उन्होंने हमें बताया कि यह यजीदी बच्चों का मांस है. उन्होंने हमें सिर कटे बच्चों की तस्वीरें दिखाईं और कहा 'ये वे बच्चे हैं जिन्हें तुमने अभी खाया है.' एक महिला को दिल का दौरा पड़ा और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई. इन बच्चों की माताएं भी वहां मौजूद थीं. एक मां ने अपने बच्चे को उसके हाथों की वजह से पहचाना.
फॉजिया को उत्तरी इराक के सिंजर इलाके में उसके परिवार के पास वापस भेज दिया गया है. सिंजर और उत्तरी इराक के कई इलाके ISIS के कब्जे में थे, जब तक कि गठबंधन सेना ने उन्हें लंबी लड़ाई में हराकर उनके नियंत्रण से इलाके छीन नहीं लिए. हालांकि, ISIS कमजोर होने के बावजूद भी पश्चिम एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में सक्रिय है.
कबसे थी कैद में?
2014 में इराक के सिंजर क्षेत्र से इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने 6,000 से अधिक यजीदियों को पकड़ लिया था, जिनमें से कई को यौन दासता में बेच दिया गया या बाल सैनिकों के रूप में प्रशिक्षित किया गया और उन्हें तुर्की और सीरिया सहित सीमाओं के पार ले जाया गया.
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इराकी अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में 3,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है या उन्हें मुक्त कराया गया है, जबकि लगभग 2,600 लोग अभी भी लापता हैं. कई लोगों के मारे जाने की आशंका है, लेकिन यजीदी कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनका मानना है कि सैकड़ों लोग अभी भी जिंदा हैं.
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