US: भारत समर्थक और चीन विरोधी! जानिए कौन हैं Marco Rubio, जिन्हें Donald Trump बनाना चाहते हैं विदेश मंत्री

Written By आकांक्षा सिंह | Updated: Nov 12, 2024, 11:17 AM IST

US News: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो को विदेश मंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है. मार्को रुबियो फ्लोरिडा के निवासी हैं. आइए जानते हैं कौन हैं मार्को रुबियो.

Senator Marco Rubio: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो को अपने विदेश मंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है. अगर इस पद का आधिकारिक तौर पर पुष्टि हो जाता है, तो रुबियो जनवरी में ट्रंप के पदभार संभालने के बाद अमेरिका के पहले लैटिन अमेरिकी विदेश मंत्री बन सकते हैं. 

कौन हैं रुबियो? 
रुबियो फ्लोरिडा राज्य के निवासी हैं. ट्रंप के शॉर्टलिस्ट में सबसे प्रभावशाली और आक्रामक उम्मीदवारों में से एक माना जाता था. उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के विरोधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की वकालत की है, खासकर चीन, ईरान और क्यूबा जैसे देशों के मामले में.  इस फैसले से यह साफ होता है कि ट्रंप की विदेश नीति में एक नया मोड़ आ सकता है. रुबियो की विदेश नीति मुख्य रूप से अमेरिकी विरोधियों के खिलाफ आलोचनात्मक और आक्रामक है, अमेरिकी सीनेट में उनके लंबें अनुभव से और मजबूत होगा.

भारत के साथ संबंधों के समर्थक
रुबियो ने हमेशा भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने की बात कही है. उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में स्थापित करने की कोशिश की है. विशेष रूप से वह रक्षा और व्यापार क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के पक्ष में रहे हैं.
चीन के प्रति सख्त रुख

चीन से संबंध 
चीन के मामले में रुबियो का रुख काफी कड़ा रहा है. उन्होंने सीनेट में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मानवाधिकारों की निंदा की है. दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों की आलोचना की है. रुबियो ने चीन के खिलाफ आर्थिक दबाव बढ़ाने वाली नीतियों का समर्थन किया है, जिनमें व्यापार प्रतिबंध और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर पाबंदियां शामिल हैं.


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NATO के मजबूत समर्थन
इतना ही नहीं रुबियो NATO के कट्टर समर्थक रहे हैं. उन्होंने हमेशा NATO की अहमियत को माना है और इसके लिए अमेरिकी प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने की बात कही है. रूस की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए, रुबियो का NATO के साथ सहयोग को बढ़ावा देने का रुख अमेरिकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.

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