डीएनए हिंदी: ब्रिटेन में पिछले महीने ही गठित प्रधानमंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) की सरकार को बुधवार को तब करारा झटका लगा, जब उनकी भारतवंशी गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमन (Suella Braverman) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. महज 43 दिन तक गृह मंत्री पद पर रहीं सुएला इस दौरान अपनी सख्ती के कारण कई फैसलों को लेकर विवादों में रहीं. खासतौर पर उनके कई फैसले भारत के खिलाफ माने गए. इस दौरान खबरें आ रही थीं कि उनके और प्रधानमंत्री लिज ट्रस के बीच संबंधों में दरार आ रही है. ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, बुधवार को भी दोनों के बीच बैठक हुई. इस बैठक के बाद ही सुएला ने इस्तीफा दे दिया. माना जा रहा है कि वे लिज ट्रस की कुछ नीतियों से असहमत थीं और इसी विरोध में उन्होंने इस्तीफा दिया है. हालांकि सुएला के इस्तीफे से अब ट्रस की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ने जा रही हैं, जिनके खिलाफ पहले से ही पार्टी के अंदर बेहद गर्मागर्म विरोध चल रहा है.
गोवा और तमिलनाडु मूल की हैं सुएला
सुएला के पिता के पुरखे गोवा से जुड़े हुए हैं, जबकि उनकी मां तमिलनाडु मूल की हैं. इस तरह से ब्रिटेन में जन्मी सुएला में दो भारतीय राज्यों के गुण हैं. उन्होंने 43 दिन पहले 6 सितंबर को प्रधानमंत्री लिज ट्रस के 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभालने के साथ ही गृह मंत्री के तौर पर शपथ ली थी.
पीएम बनने की दावेदार थीं सुएला
इस साल पिछले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के इस्तीफे के बाद शुरू हुई नए पीएम की खोज के दौरान सुएला ने भी दावा पेश किया था. पार्टी की आंतरिक निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान वे कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों का पर्याप्त समर्थन नहीं जुटा पाने के कारण बीच में ही इस होड़ से बाहर हो गई थीं. इसके बाद सुएला ने लिज ट्रस को अपना समर्थन दिया था और उनका चुनाव अभियान बेहद मजबूती से संभाला था. वैचारिक तौर पर धुर दक्षिणपंथी मानी जाने वाली सुएला को लिज ट्रस ने चुनाव अभियान के दौरान अपना सबसे विश्वासपात्र व करीबी बताया था. ट्रस ने सुएला को भारतीय मूल की ही पिछली गृह मंत्री प्रीति पटेल पर तरजीह देते हुए इस पद पर तैनात किया था.
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FTA को लेकर भारत विरोधी बयान दिया था
सुएला ब्रेवरमैन ने भारतीय मूल की होने के बावजूद मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर ऐसा बयान दिया था, जो भारत के खिलाफ था. उन्होंने चिंता जताई थी कि भारत-ब्रिटेन के बीच FTA होने पर बड़ी संख्या में भारतीय ब्रिटेन में आ सकते हैं. यह कदम ब्रेक्जिट (Brexit) के भी खिलाफ जा सकता है. सुएला के इस बयान की ब्रिटेन में ही बेहद आलोचना हुई थी. इसे प्रधानमंत्री लिज ट्रस की नीति के भी खिलाफ माना गया था, जो एफटीए को जल्द से जल्द लागू कराना चाहती हैं. इसके चलते महज एक सप्ताह बाद ही ब्रेवरमैन ने अपने बयान से पलटते हुए भारत की जमकर तारीफ की थी और कहा था कि हम लोग भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बेहद उत्सुक हैं.
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6 दिन के अंदर ट्रस सरकार में दूसरा विकेट गिरा
अपनी नीतियों को लेकर घिरीं प्रधानमंत्री लिज ट्रस की सरकार को 6 दिन के अंदर यह दूसरा झटका लगा है. इससे पहले पिछले शुक्रवार को ट्रस के वित्त मंत्री क्रासिंस्की क्वार्टेंग को पद छोड़ना पड़ा था. क्वार्टेंग ने पिछले महीने पद संभालते ही ट्रस के चुनावी वादे पर चलते हुए भारी टैक्स कटौती की थी, लेकिन शुक्रवार को उनके इस्तीफे के बाद वित्त मंत्री बने जेरेमी हंट ने सोमवार को ही टैक्स कटौती पैकेज के फैसले को पलट दिया था.
इसके बाद बुधवार को ट्रस ने अपने कार्यकाल में पहली बार संसद सत्र में भाग लिया. उन्होंने संसद से माफी मांगी और ब्रिटिश सरकार के प्रमुख के तौर पर अपने छोटे-से कार्यकाल के दौरान की गईं गलतियां स्वीकार कीं. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने चिल्लाते हुए उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा, लेकिन ट्रस ने खुद को मैदान छोड़कर भागने वाले के बजाय एक योद्धा करार दिया.
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