डीएनए हिंदी: रिपब्लिक ऑफ कांगो (Republican Congo) में UN ऑफिस कॉम्पलेक्स पर सोमवार को हुए विद्रोहियों के हमले में घायल दो भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. इस हमले के दौरान सैकड़ों विद्रोहियों ने कॉम्पलेक्स में घुसकर बेहद तोड़फोड़ की थी और भारतीय शांति सेना के बेस कैंप में घुसकर सामान लूट लिया था. इस दौरान उन्हें भारतीय जवानों की तरफ से रोकने की कोशिश की गई थी तो सिविलयन आर्म्ड ग्रुप्स ने उन पर फायरिंग कर दी थी. इसी फायरिंग के दौरान भारतीय दस्ते में शामिल सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो जवान शहीद हो गए.
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BSF ने दी मंगलवार को जानकारी
BSF अधिकारियों ने दो जवानों के शहीद होने की जानकारी मंगलवार को सभी के साथ शेयर की. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारतीय राजदूत टीएस त्रिमूर्ति (TS Tirumurti) ने ट्वीट पर इन दोनों जवानों को श्रद्धाजंलि दी.
बता दें कि भारतीय शांति सेना (Indian Peacekeepers) को कांगो में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से तैनाती दी गई है, जहां लंबे समय से कई गुटों के बीच आपस में गृह युद्ध चल रहा है. ये विद्रोही गुट हथियार व अन्य सामान लूटने के लिए कई बार UN शांति सेना पर भी हमला बोलते रहते हैं. सोमवार की घटना भी UN पीसकीपिंग मिशन इन कांगो (MONUSCO) के अंदर हुई थी, जहां पहले भी लूट हो चुकी है.
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आइए जानते हैं क्या है शांति सेना और भारत का क्या है इसमें रोल
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की अपनी कोई सेना नहीं है, लेकिन उसके कंधों पर पूरी दुनिया में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी है. इसलिए UN हर साल दुनिया के अलग-अलग देशों की सेनाओं से प्रतिनियुक्ति पर सैनिक बुलाता है और उन्हें जरूरत वाले देश में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के तौर पर तैनाती देता है. ये जवान वर्दी अपने देश की सेना की ही पहनते हैं, लेकिन इनके सिर पर संयुक्त राष्ट्र की आसमानी रंग की कैप होती है. हर साल 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का अंतरराष्ट्रीय दिवस भी मनाया जाता है.
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