Chinese loan trap: केन्या पर 36 बिलियन डॉलर कर्ज, किस्त के पैसे नहीं, क्या होगा श्रीलंका जैसा हाल!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 26, 2022, 06:28 PM IST

चीन की तरफ से केन्या की संपत्तियों को उसी तर्ज पर सीज किया जा सकता है जैसे, श्रीलंका से हंबनटोटा बंदरगाह ले लिया था.

डीएनए हिंदी: चीन के कर्ज जाल (China Loan Trap) में फंसकर एक और देश की अर्थव्यवस्था तबाही के कगार पर आ गई है. अफ्रीकी देश केन्या (Kenya) के ऊपर चीन का कर्ज बढ़कर 36 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 29.53 लाख करोड़ भारतीय रुपये) हो गया है, जिसकी किस्त चुकाने के लिए भी अब केन्या के पास पैसे नहीं बचे हैं. इसके चलते माना जा रहा है कि केन्या में भी चीन उसी तरह से संपत्तियों को टेकओवर कर सकता है, जिस तरह से श्रीलंका के आर्थिक संकट (Srilanka Economy Crisis) के दौरान हंबनटोटा बंदरगाह (Hambantota Port) को चीन ने अपने कब्जे में ले लिया था.

पढ़ें- Rishi Sunak के सामने क्या हैं चुनौतियां, भारत के लिए अच्छे या बुरे हैं ब्रिटेन के नए पीएम? 5 पॉइंट्स में समझें

2014 से लेना शुरू किया था कर्ज

Financial Post की रिपोर्ट के मुताबिक, केन्या ने साल 2014 से देश में कई मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए चीन से बड़े पैमाने पर कर्ज लिया है. इन प्रोजेक्ट में सड़क निर्माण, क्लीन पॉवर जनरेशन प्लांट्स और पूरे देश में स्टेंडर्ड गेज रेलवे लाइन बिछाना शामिल है. यह कर्ज लगातार बढ़ता गया है और जून में आई सेंट्रल बैंक ऑफ केन्या (Central Bank of Kenya) के डाटा के हिसाब से यह कर्ज 36.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका था. 

पढ़ें- पंजाब: उपराष्ट्रपति को नहीं रास आया मंदिर का प्रोटोकॉल, नाराज होकर बैठे रह गए जगदीप धनखड़

केन्या के कुल कर्ज में एक तिहाई हिस्सेदारी चीन की

चीन वर्ल्ड बैंक (World Bank) के बाद केन्या को कर्ज देने वाला सबसे बड़ा विदेशी कर्जदाता है. साल 2021-22 में केन्या के ऊपर कुल कर्ज में चीन की एक तिहाई हिस्सेदारी थी. केन्या अब तक चीन को 972.7 मिलियन डॉलर की रकम लौटा चुका है, जिसमें से 204.1 मिलियन डॉलर महज ब्याज का था, जबकि 768.5 मिलियन डॉलर कर्ज का मूलधन था. 

फाइनेंशियल पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, केन्या के खजाने पर प्रोजेक्ट्स कर्ज अगले वित्त वर्ष तक करीब 126.61 फीसदी बढ़ जाने की संभावना है. चीन के एग्जिम बैंक (Exim Bank of China) से लिया गया यह कर्ज साल 2022 के लिए अनुमानित 351.7 मिलियन डॉलर से बढ़कर अगले वित्त वर्ष में 800 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा.

पढ़ें- Uttarakhand की जेल में 7 दिन बंद रहा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी का अधिकारी, जानिए क्या था कारण

चीन के कर्ज से डूबे देशों की सूची में शामिल

चीन पर लगातार एफ्रो-एशियन देशों को अपने कर्ज जाल में फंसाकर गुलाम बनाने के आरोप लग रहे हैं, जबकि वह इन आरोपों को झूठा बताता रहा है. अब केन्या इस आरोप की सच्चाई का एक ओर उदाहरण बनने जा रहा है, क्योंकि उसका डिफॉल्टर देशों की लिस्ट में शामिल होना तय दिखाई दे रहा है.

पढ़ें- Gujarat Election: जहां से आडवाणी ने शुरू की थी रथ यात्रा, वहां जीत को तरसती है भाजपा

रेलवे प्रोजेक्ट की किस्त नहीं चुकाने पर लगा मोटा जुर्माना

केन्या इस साल स्टेंडर्ड गेज रेलवे (standard gauge railway) प्रोजेक्ट के मोटे कर्ज की किस्त नहीं चुका सका है, जिसके चलते जून के अंत में चीनी बैंकों (Chinese bank) ने उसके ऊपर करीब 10.8 मिलियन डॉलर का मोटा जुर्माना लगाया है. SGR लागत के हिसाब से केन्या की आजादी के बाद से अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसके लिए कर्ज देकर चीन ने जापान को केन्या के सबसे बड़े द्विपक्षीय कर्जदाता के तौर पर पछाड़ दिया था. लेकिन इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की खुशी अब आर्थिक अस्थिरता में बदल चुकी है.

पढ़ें- पेटीएम के सीईओ हुए 7 साल की बच्ची के कायल, इस टैलेंट से खींच रही है सभी का ध्यान

एक साल के अंदर ही यह प्रोजेक्ट केन्या को डिफॉल्टर बना चुका है. केन्या ने कर्जदाताओं से किस्त चुकाने के लिए छह महीने का मोरेटोरियम (debt repayment moratorium) मांगा था, लेकिन कर्जदाताओं, खासतौर पर एक्जिम बैंक ऑफ चाइना ने केन्या के आवेदन पर विचार करने से ही इनकार कर दिया. इससे एक गतिरोध की स्थिति बन गई और इसका नतीजा चीनी कर्ज से चल रहे प्रोजेक्ट्स की फंडिंग में देरी के तौर पर सामने आया है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Chinese loan trap Kenya Economy Crisis Kenya loan crisis