Pakistan के पास नहीं हैं किस्त चुकाने के भी पैसे, आज IMF करेगा बेलआउट पैकेज पर फैसला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 29, 2022, 05:18 PM IST

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. वहां महंगाई भी शीर्ष पर पहुंच गई है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार कम हो रहा है. इसके चलते IMF से मिलने वाला कर्ज उसकी अर्थव्यवस्था को बचाने में मददगार हो सकता है.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति रोजाना खराब हो रही है. पूरे देश में मानसूनी बारिश के कारण हुए नुकसान के कारण आर्थिक संकट और ज्यादा बढ़ गया है. हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए अपनी किस्तें चुकाने के लिए पैसा जुटाना भी भारी हो रहा है. 

ऐसे में पाकिस्तानी हुक्मरानों की निगाह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक अहम बैठक पर लगी हुई है. सोमवार को ही होने जा रही इस अहम बैठक में IMF का एग्जीक्यूटिव बोर्ड यह तय करेगा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए उसे बेलआउट पैकेज दिया जाएगा या नहीं.

करीब 43 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा है पाकिस्तान

पाकिस्तान के ऊपर IMF, वर्ल्ड बैंक, चीन और अन्य देशों से मिला कर्ज उसकी कुल GDP का 70% तक पहुंच चुका है. यह जानकारी खुद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के कार्यकारी गवर्नर मुर्तजा सैयद ने ही जुलाई में सभी को दी थी. पाकिस्तान के ऊपर इस समय कुल 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज है. इसमें से 18 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पिछले 3 साल के दौरान लिया गया है. लगातार घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार और गोल्ड रिजर्व के कारण पाकिस्तान के लिए इस कर्ज की किस्तें चुकाना भी बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.

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IMF से 5.2 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिलने की उम्मीद

पाकिस्तान बेहद बेसब्री से IMF के एग्जीक्यूटिव बोर्ड की तरफ से बेलआउट पैकेज पर अंतिम निर्णय लिए जाने का इंतजार कर रहा है, क्योंकि उसका दावा है कि वह इसके लिए सभी जरूरी शर्तें पूरी कर चुका है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि IMF बेलआउट पैकेज को मंजूरी देता है तो पाकिस्तान को कुल 5.2 अरब डॉलर (1.16 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये) की आर्थिक मदद मिलेगी. 

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इसमें 1.2 अरब डॉलर (26,700 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) तत्काल मिल जाएंगे, जबकि 4 अरब डॉलर (89 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये) की मदद इसी वित्त वर्ष में अलग से दी जाएगी. IMF और पाकिस्तान के बीच हुई डील से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, बोर्ड की तरफ से बेलआउट पैकेज को मंजूरी दिए जाने की पूरी संभावना है. खासतौर पर यह देखते हुए कि बाढ़ के दौरान IMF कोई भी निगेटिव सिग्नल नहीं भेजेगा.

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पाकिस्तान में महंगाई पहुंच चुकी है शीर्ष पर

आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान में ईंधन का आयात प्रभावित हुआ है. इसका सीधा असर बाजार में महंगाई पर भी देखने को मिला है. बाढ़ के कारण भी महंगाई अचानक तेजी से बढ़ी है. पाकिस्तान के सबसे संपन्न प्रांत पंजाब में भी रविवार को टमाटर के दाम 500 रुपये प्रति किलोग्राम, जबकि प्याज के दाम 400 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ चुके हैं.

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