Salman Rushdie Stabbed: न्यूयॉर्क में सलमान रूश्दी को चाकुओं से गोदा, 6 पॉइंट्स में जानिए पूरा मामला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 13, 2022, 06:30 AM IST

भारतीय मूल के लेखक सलमान रूश्दी को अपनी किताब के लिए बुकर प्राइज भी मिल चुका है, लेकिन एक किताब को इस्लामी चरमपंथी अपनी भावनाओं को आहत करने वाला मानते हैं.

डीएनए हिंदी: भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रूश्दी (Salman Rushdie) पर शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क (Newyork City) में जानलेवा हमला किया गया है. एक कार्यक्रम के दौरान मंच के ऊपर ही रूश्दी को चाकुओं से गोद दिया गया. उन्हें एयरलिफ्ट कर अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. हालांकि 75 साल के रूश्दी की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है. 

रूश्दी के ऊपर यह जानलेवा हमला क्यों हुआ है और वे कौन हैं, इन सवालों का जवाब पाने के लिए हम 6 पॉइंट्स में आपको उनके बारे में बता रहे हैं.

पढ़ें- इस्लामी आतंक के निशाने पर रहे लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला, न्यूयॉर्क में चाकूओं से गोदा

1. एक नॉवेल के लिए इस्लामी आतंक के निशाने पर हैं

सलमान रूश्दी ने 1988 में एक नॉवेल 'द सेटेनिक वर्सेज (The Satanic Verses)' लिखा था, जो इस्लाम पर आधारित है. इसे आज तक की सबसे विवादित किताबों में से एक माना जाता है और दुनिया के अधिकतर देशों में इस पर प्रतिबंध लग चुका है. इस नॉवेल को लिखने के लिए वे लगातार इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर रहे हैं. 

2. 30 लाख डॉलर का इनाम है रूश्दी को मारने के लिए

द सेटेनिक वर्सेज नॉवेल के लिए ईरान के दिवंगत सर्वोच्च नेता अयात्तुल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी ने 1989 में उन्हें मारने के लिए फतवा जारी कर दिया था. इस फतवे में रूश्दी को मारने के लिए 30 लाख डॉलर का इनाम रखा गया था, जो आज भी चला आ रहा है.

पढ़ें- एशिया कप की सबसे सफल टीम है भारत लेकिन कभी पाकिस्तान के साथ नहीं हुई खिताबी भिड़ंत

3. दस साल तक फतवे के कारण छिपे रहे रूश्दी

अपने सिर पर फतवे के कारण रूश्दी को करीब 10 साल तक दुनिया से छिपकर लगभग अज्ञातवास की तरह बिताना पड़ा, इस दौरान कई गंभीर घटनाएं हुईं. रूश्दी की किताब के ट्रांसलेटर्स पर हमला किया गया, किताब बेचने वाले बुकस्टोर्स पर बमबारी की गई. 

4. ईरान सरकार की ऊपर से ना, लेकिन अंदर से फतवे को हां

ईरान की सरकार ने खोमैनी के फतवे से लंबे समय तक अपनी दूरी बनाई रखी, लेकिन रूश्दी के खिलाफ भावनाएं भड़कती रहीं. नतीजतन 2012 में एक अर्द्धसरकारी ईरानी धार्मिक संगठन ने रूश्दी के इनाम की रकम को 28 लाख से बढ़ाकर 33 लाख डॉलर कर दिया.

पढ़ें- सामने आया मंहिंद्रा की पॉपुलर एसयूवी स्कॉर्पियो क्लासिक का नया लुक, जानिए कब होगी इसकी लॉन्चिंग

5. रूश्दी ने उड़ाया हमेशा फतवे का मजाक

रूश्दी हालांकि अपने सिर पर रखे गए इनाम वाले फतवे का मजाक उड़ाते रहे हैं, उनका कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लोगों की इस इनाम में कोई दिलचस्पी है.

6. रूश्दी का एक नॉवेल रहा था सुपरहिट, जीता था बुकर प्राइज

रूश्दी का एक अन्य नॉवेल 'मिडनाइट चिल्ड्रन' जबरदस्त सुपरहिट आंका गया था. इस नॉवेल को 1981 में बुकर प्राइज (Booker Prize) से भी नवाजा गया. ब्रिटेन ने उन्हें हमेशा अपना सम्मानित नागरिक माना. इसी कारण साहित्य की सेवा के लिए 16 जून 2007 को महारानी एलिजाबेथ के जन्मदिन पर उन्हें नाइट (सर) की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.