डीएनए हिंदी: सोशल मीडिया के पॉजिटिव इफेक्ट्स की बात कई बार होती रहती है. अब इसका एक और उदाहरण सामने आ गया है. मुंबई (Mumbai) से 20 साल पहले गायब हो गई एक महिला सोशल मीडिया की बदौलत पाकिस्तान (Pakistan) में मिल गई है.
पाकिस्तान के हैदराबाद (Hyderabad) शहर में रहने वाली 70 साल की हमीदा बानो (Hamida Bano) साल 2002 में तब लापता हो गई थीं, जब वे मुंबई से घरेलू सहायिका का काम करने के लिए दुबई (Dubai) रवाना हुई थीं. तकरीबन 20 साल कोशिश के बाद आखिरकार सोशल मीडिया की बदौलत अब वे मुंबई के कुर्ला (Kurla) इलाके में रहने वाले अपने परिवार से संपर्क साधने में सफल हो गई हैं.
ट्रैवल एजेंट ने दिया था धोखा, दुबई नहीं दूसरे देश में भेज दिया
NDTV की रिपोर्ट में हमीदा के परिवार के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान में सामाजिक कार्यकर्ता वलीउल्लाह मारूफ (Waliullah Maroof) की मुलाकात हमीदा बानो से हुई. हमीदा ने उन्हें बताया कि मुंबई में एक ट्रैवल एजेंट ने 20 साल पहले किस तरह दुबई में काम देने का वादा कर उनके साथ ठगी की थी. एजेंट ने उन्हें मुंबई से दुबई भेजने के बजाय पाकिस्तान भेज दिया.
हैदराबाद में मिला सहारा, करनी पड़ी शादी
हमीदा बानो के पास अपने परिवार तक जानकारी पहुंचाने का कोई जरिया नहीं था. वे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के प्रमुख शहर हैदराबाद पहुंच गईं, जहां उन्हें जिंदगी चलाने के लिए एक स्थानीय आदमी से निकाह करना पड़ा. हमीदा का एक बच्चा भी है. हालांकि उनके शौहर का अब इंतकाल हो चुका है.
मारूफ ने यूट्यूब पर अपलोड कर दिया हमीदा का वीडियो
हमीदा की मार्मिक कहानी सुनकर और उसकी घर लौटने की गुहार सुनकर मारूफ ने उनका वीडियो अपने यूट्यूब चैनल (YouTube channel) पर अपलोड कर दिया. साथ ही मुंबई में हमीदा के परिवार को तलाश करने के लिए किसी सामाजिक कार्यकर्ता की तलाश करने लगे. उनकी मुलाकात काफलान शेख (Khaflan Shaikh) से हुई.
मुंबई के स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप से चला परिवार को पता
मारूफ की रिक्वेस्ट पर शेख ने हमीदा का यूट्यूब वीडियो अपने स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप में अपलोड कर दिया. आखिरकार ग्रुप में मिली जानकारी की बदौलत शेख हमीदा की बेटी यास्मीन बशीर शेख (Yasmeen Bashir Shaikh) तक पहुंच गए, जो कुर्ला के कसाईवाड़ा एरिया में रहती है.
खुश है परिवार, सरकार से लगा रहा मां की वापसी की गुहार
यास्मीन ने बताया कि मां इससे पहले भी घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने के लिए कतर जा चुकी थीं. इस बार हमें पता ही नहीं था कि हमारी मां कहां है. हमारी केवल एक बार धोखा देने वाले एजेंट के जरिये ही मां से बात हुई थी. यास्मीन ने कहा, मैं बेहद खुश हूं कि वह सुरक्षित और जीवित है. हम अब भारत सरकार से उन्हें वापस लाने में मदद चाहते हैं. परिवार अब मां की घर वापसी के लिए पाकिस्तान उच्चायोग से भी अपील करने की योजना बना रहा है.