Ukraine से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए खुले दरवाजे, 2,000 भारतीयों को दाखिला देगा उज्बेकिस्तान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 14, 2022, 12:15 AM IST

Russia Ukraine War के कारण वापस लौटे भारतीय छात्रों को देश के मेडिकल संस्थानों में प्रवेश नहीं मिल पाया है.

डीएनए हिंदी: यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia Ukraine War) के कारण अपनी पढ़ाई बीच में बंद करने के लिए मजबूर मेडिकल छात्रों के लिए अच्छी खबर है. ऐसे भारतीय छात्रों के लिए उज्बेकिस्तान (uzbekistan) ने अपने मेडिकल संस्थानों के दरवाजे खोल दिए हैं. भारत में उज्बेकिस्तान के राजदूत ने बृहस्पतिवार को बताया कि ऐसे 2,000 भारतीय छात्रों को उनका देश अपने यहां मेडिकल कॉलेजों में सीटें उपलब्ध करा रहा है.

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भारत सरकार के आग्रह पर उठाया कदम

IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, उज्बेकिस्तान के राजदूत दिलशोद अखतोव (DILSHOD AKHATOV) ने बताया कि भारत सरकार के अनुरोध पर उज्बेकिस्तान के मेडिकल हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (MHEI) ने यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों को अपने यहां एडमिशन देने का निर्णय लिया है.

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अखतोव ने कहा, MHEI ने भारत के पूर्ववर्ती मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) और मौजूदा नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) के मानदंडों (स्क्रीनिंग टेस्ट विनियम 2002) और (विदेशी चिकित्सा स्नातक लाइसेंसधारी- FMGL विनियम 2021) के तहत यह एडमिशन देने की तैयारी की है. MHEI किफायती बजट पर छात्रों को शिक्षा देगा, जिसमें पढ़ने के साथ ही खाने-रहने का खर्च भी शामिल होगा.

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दो ग्रेजुशन प्रोग्राम में पढ़ने का मौका

अखतोव के मुताबिक, उज्बेकिस्तान भारतीय छात्रों को दो मेडिकल ग्रेजुएशन प्रोग्राम में पढ़ाई का ऑफर दे रहा है, जो इंटरनेशनल मेडिकल स्टडी के समकक्ष हैं. इनमें एक प्रोग्राम 6 साल का MD डिप्लोमा है, जबकि दूसरा प्रोग्राम एक साल की इंटर्नशिप के साथ 5+1 साल की MBBS डिग्री है.

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भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी FMGL/NEXT एग्जाम क्लियर करने योग्य छात्रों को तैयार करने के लिए MHEL के पास आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर व माहौल है. उससे संबद्ध सरकारी अस्पतालों और क्लीनिकों में बड़ी संख्या में शिक्षण बेड और पूरक प्रशिक्षण के साथ 30 प्रतिशत भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रोफेसर मौजूद हैं. 

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