डीएनए हिंदी: संयुक्त राष्ट्र में 30 सितंबर को महात्मा गांधी प्रकट हुए थे और वह केवल आए ही नहीं बल्कि 6 मिनट 50 सेकेंड तक शिक्षा को लेकर संदेश भी दिया. गांधी जी यहां होलोग्राम के जरिए आए थे और उन्हें एक पैनल में चर्चा के लिए शामिल किया गया था. भारत के स्थायी मिशन और यूनेस्को महात्मा गांधी शांति और सतत विकास शिक्षा संस्थान ने अतंरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर चर्चा का आयोजन किया था. इसी कार्यक्रम में गांधी जी होलोग्राम के जरिए उपस्थित हुए. तस्वीर देखकर आप भी समझ रहे होंगे यह बिल्कुल असल लग रहे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे खुद गांधी जी खड़े हों.
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गांधी ने शिक्षा पर पुराने मौखिक विचार साझा किए. गांधी जी इस टेक्नोलॉजी के जरिए चर्चा में तीन बार शामिल हुए. इस दौरान वह कुर्सी पर बैठकर और खड़े होकर अपना संदेश देते नजर आए. गांधी जी ने कहा, साक्षरता शिक्षा का अंत या शुरुआत नहीं है. शिक्षा से मेरा तात्पर्य बच्चे या किसी व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा में उत्कृष्टता का सर्वांगीण संचार करना है. आध्यात्मिक प्रशिक्षण से मेरा तात्पर्य मन की शिक्षा से है.
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उन्होंने कहा, शिक्षित लोगों के चरित्र में सुधार के लिए हम शायद ही कोई विचार करते हैं. स्कूल और कॉलेज वास्तव में सरकार के लिए क्लर्क बनाने का एक कारखाना हैं. इससे अलग वास्तविक शिक्षा में अपने आप को सर्वश्रेष्ठ से बाहर निकालना शामिल है. इससे बेहतर किताब और क्या हो सकती है. क्या मानवता की किताब से ज्यादा कुछ हो सकता है?
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