डीएनए हिंदी: अफगानिस्तान (Afghanistan) के हेरात प्रांत की हेरात मस्जिद (गुजरगाह मस्जिद) में ब्लास्ट की खबर सामने आई हैं, जिसमें करीब 15 लोगों के मारे जाने की खबर है. अफगानिस्तानी मीडिया टोलो न्यूज (Tolo News) के अनुसार, इस हमले में मस्जिद के इमाम मौलवी मुजीब रहमान अंसारी की भी मौके पर ही मौत हो गई है. मुल्ला मुजीब तालिबान के सबसे बड़े धर्मगुरुओं में से एक था.
मुल्ला मुजीब के नाम से मशहूर अंसारी की मौत तालिबान के लिए एक बड़ा झटका है. मुल्ला मुजीब तालिबान के शीर्ष मौलवियों की परिषद का हिस्सा था और विरोधियों की क्रूर हत्या के फतवे निकालने के लिए मशहूर था. पिछले महीने भी तालिबान का एक शीर्ष मौलवी मस्जिद में हुए ब्लास्ट में मारा गया था.
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात शहर में एक मस्जिद के बाहर शुक्रवार को हुए विस्फोट में एक हाई-प्रोफाइल तालिबान समर्थक मौलवी के साथ-साथ आम नागरिक भी मारे गए हैं. हेरात के पुलिस प्रवक्ता महमूद रसोली ने कहा, "मुजीब रहमान अंसारी अपने कुछ गार्ड और नागरिकों के साथ मस्जिद की ओर जाते समय मारे गए हैं."
मस्जिदों में हुए हैं कई ब्लास्ट
हालांकि अपने बयान में रसोली ने यह नहीं बताया कि विस्फोट में कितने लोग हताहत हुए हैं. तालिबान का कहना है कि उन्होंने लगभग एक साल पहले सत्ता संभालने के बाद से देश में सुरक्षा में सुधार किया है लेकिन हाल के महीनों में कई विस्फोट हुए हैं, जिनमें से कुछ ने नमाज के दौरान व्यस्त मस्जिदों को निशाना बनाया है.
कट्टरता का पर्याय था मुल्ला मुजीब
आपको बता दें कि मुल्ला मुजीब को तालिबान के सबसे क्रूर नेताओं में से एक माना जाता था. महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से लेकर उनके बाहर निकलने का बड़ा विरोधी थी. उसने हाल ही में एक फतवा निकाला था कि यदि कोई तालिबान का आदेश नहीं मानता है तो उसे सजा होगी और उसकी सिर कलम कर दिया जाएगा.
ISIS पर हमले का शक
गौरतलब है कि इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी संगठन ने नहीं ली है लेकिन यह माना जा रहा है कि यह हमला इस्लामिक स्टेट यानी ISIS द्वारा किया गया है. आपको बता दें कि तालिबान के हाथ में सत्ता आने के बाद से लगातार ISIS अफगानिस्तान के इलाकों को अपना निशाना बना रहा है.
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