India Maldives Row: चीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ मालदीव रच रहा साजिश, लक्षद्वीप के पास कराएगा सर्वे

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Jan 23, 2024, 01:03 PM IST

India Maldives Conflict

Chinese Research Ship Maldives Lakshadweep: मालदीव के साथ मिलकर चीन अपने खतरनाक मंसूबों को पूरा करने की जुगत में लग गया है. चीन का जासूसी जहाज हिंद महासागर में घुस गया है और वह मालदीव की तरफ बढ़ रहा है. 

डीएनए हिंदी: भारत के साथ चल रहे विवाद के बीच मालदीव ने चीन के साथ मिलकर एक और चाल चली है. भारत के साथ समुद्री सर्वेक्षण के समझौता खत्म करने के बाद मालदीव ने बीजिंग के साथ नया करार किया है. दोनों देश मिलकर अब हिंद महासागर का सर्वेक्षण करेंगे. इसकी तैयारी शुरू हो गी है और इसके लिए चीनी सेना का जासूसी जहाज शियांग यांग होंग 30 जनवरी को मालदीव की राजधानी माले पहुंच रहा है. भारत इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हैं लेकिन मालदीव के चीन परस्त राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. खबर है कि चीन और मालदीव लक्षद्वीप के पास समुद्री सर्वेक्षण करने की योजना में है. हिंद महासागर में चीन की आक्रामकता पहले ही दुनिया के लिए परेशानी का सबब बना है. 

हिंद महासागर में चीन की आक्रामकता भारत ही नहीं बाकी देशों के लिए भी चिंता है. इससे पहले श्रीलंका ने चीनी जहाजों को आने से रोक दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन का यह जासूसी जहाज 30 जनवरी को माले पहुंचने वाला है. इस बीच लक्षद्वीप विवाद के ठीक बाद अब मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन का दौरा किया था. अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की अंतर्राष्‍ट्रीय विभाग की उप मंत्री सुन हैयान माले पहुंची हैं. उनकी राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ मुलाकात हुई है.

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चीन के साथ मालदीव बढ़ा रहा अपनी निकटता  
कुछ दिन पहले ही मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन का दौरा किया और दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए हैं. बीजिंग अपने कर्ज के जाल में अब इस द्वीपीय देश को फंसाना चाहता है जिसकी भौगोलिक स्थिति रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है. पारंपरिक तौर पर मालदीव के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले भारत का दौरा करते थे. मोहम्मद मुइज्जू ने इसे बदल दिया और वह लगातार चीन के लिए अपना झुकाव और भारत के प्रति अपनी कटुता दिखाते रहे हैं.

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अचानक मालदीव के दौरे पर पहुंची सुन हैयान
सुन हैयान का माले का यह दौरा पहले से प्रस्तावित नहीं था लेकिन वह अचानक ही पहुंच गईं. माना जा रहा है कि इस दौरे के जरिए चीन ने मालदीव को समर्थन और भारत को संदेश देने की कोशिश की है. इससे पहले मुइज्जू और शी जिन पिंग के बीच हुए समझौते की शर्तें अब तक सार्वजनिक नहीं की गई हैं. हालांकि, संयुक्त बयान में दोनों देशों ने रणनीतिक संबंधों को नए दर्जे पर ले जाने की बात कही थी. चीन के साथ मालदीव की बढ़ती नजदीकियां भारत की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं.

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