Maldives Political Crisis: भारत विरोधी मोहम्मद मुइज्जू की सरकार पर संकट, कभी भी गिर सकती है सरकार

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Feb 01, 2024, 08:56 AM IST

Mohammad Muizzu 

Mohammed Muizzu Impeachment Motion: मालदीव के भारत विरोधी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब हर मोर्चे पर घिरती नजर आ रही है. पहले आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका खाने के बाद संकट में घिरे मुइज्जू अब अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर सकते हैं. 

डीएनए हिंदी: भारत का विरोध करना मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब हर मोर्चे पर घिरते जा रहे हैं. आर्थिक स्तर पर तो देश संकट का सामना कर ही रहा है और अब राष्ट्रपति को अपनी कुर्सी बचाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है. विपक्षी दल मुइज्जू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं. रविवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी और नौबत हाथापाई तक आ गई थी. विपक्षी दल भारत विरोधी बयानों के लिए राष्ट्रपति भारत और पीएम नरेंद्र मोदी से माफी मांगने की मांग कर रहें हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर चुकी है. अब देखना है कि चीन परस्त राष्ट्रपति अपनी कुर्सी कैसे बचाते हैं. 

मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) मालदीव की प्रमुख विपक्षी पार्टी है. एमडीपी की सरकार रहते हुए भारत और मालदीव के संबंध काफी बेहतर रहे. नए राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भारत विरोधी बयान दिए थे और चुनावी घोषणाओं में भी भारत से संबंध खत्म करने का वादा किया था. हाल ही में वह चीन से दौरा करके लौटे हैं और उनकी पार्टी के दो सांसदों ने पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी भी की थी. इन सब घटनाक्रमों की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.

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विपक्षी दलों ने की भारत से माफी मांगने की सलाह 
मालदीव और भारत के बीच दशकों पहले से सामरिक और व्यापारिक संबंध हैं. भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से यह द्वीपीय देश महत्वपूर्ण है. मालदीव की संकट में हमेशा भारत ने  मदद की है. अतीत के रिश्तों को देखते हुए मालदीव के विपक्षी नेताओं ने  राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत से माफी मांगने की सलाह दी है. मालदीव जम्हूरी पार्टी के नेता कासिम इब्राहिम ने मोहम्मद मुइज्जू से कहा है कि भारत और मालदीव के बीच अच्छे रिश्ते बहाल करने की कोशिश होनी चाहिए.

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मुइज्जू खुलकर चीन के लिए दिखाते रहे हैं अपनी निष्ठा
परंपरा के तौर पर मालदीव के नए राष्ट्रपति अपना पहला विदेशी दौरा भारत का ही करते रहे हैं. मुइज्जू ने भारत से पहले हमेशा चीन को प्राथमिकता दी है और उन्होंने चीन का दौरा किया है. चीन के साथ कई समझौते किए गए हैं जिसकी काफी सारी डिटेल अभी सामने नहीं आई हैं. मुइज्जू ने पद संभालने के बाद भारतीय सैनिकों को भी देश छोड़ने का आदेश जारी किया था. भौगोलिक दृष्टि से मालदीव चीन की विस्तारवादी नीतियों के लिहाज से अहम है और इसलिए भी बीजिंग इस द्वीपीय देश में कर्ज के तौर पर भारी निवेश करने के लिए तैयार है.

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