मेक्सिको सिटी दुनिया के सबसे बड़े स्पेनिश भाषी शहरों में से एक है. लेकिन मेक्सिको की सरकार ने एक ऐसा फैसला किया है जिससे यहां के लोग सड़कों पर उतर आए हैं. लोग जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां तक की सरकार से रूठी आवाम ने संसद में घुसपैठ कर दी. संसद में मौजूद सांसदों को अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा. इस पूरे विवाद की वजह है कि अब देश भर में जजों कि नियुक्ति चुनाव के आधार पर की जाएगी.
ये वाकई सुनने में अटपटा लग सकता है लेकिन यही सही है. मेक्सिको में अब जज के पद के लिए नेताओं की तरह चुनाव का आयोजन किया जाएगा. लेकिन सोचने वाली बात ये है कि यहां की जनता खुद को मिले इस अधिकार का विरोध क्यों कर रही है जबकि यहां की आवाम जिसे वोट देगी वह जज बनेगा.
बता दें कि कभी ड्रम कर्टेल्स का गढ़ माने जाने वाले इस देश की जनता यह जानती है कि अगर मेक्सिको में जजों का सीधे चुनाव होने लगा तो आगे चलकर स्तिथियां ठीक नहीं रहेगी. दरअसल जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव करने का प्रस्ताव वहां के राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर ने किया है. इस वजह से जनता की नाराजगी राष्ट्रपति के प्रति ज्यादा है.
गौर करने वाली बात ये है कि राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्रेडोर का कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है और उनकी जगह पहली अक्टूबर को चुनाव जीत चुकी क्लाउडिया शिनबाम लेंगी. कार्यकाल खत्म होने से पहले उनके इस विवादित फैसले के कारण देश में प्रदर्शन शुरू हो गया है. यहां की आवाम के साथ-साथ कई आदालतें भी इस फैसले के विरोध में उतर आई हैं.
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