ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की तरफ से भारत के मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया गया है. साथ ही भारत के सरकार की आलोचना की गई है. उनके बयान में भारत को मुसलमानों को उनका हक नहीं देने वाला देश बताया गया है. उन्होंने भारत की तुलना म्यांमार और गाजा से की. उन्होंने इस संदर्भ में भारत सरकार पर मुस्लिम उत्पीड़न का बड़ा आरोप लगाया है.
विदेश मंत्रालय ने किया पलवटवार
अब इसको लेकर भारत के विदोश मंत्रालय की तरफ से बड़ा पलटवार देखने को मिला है. विदेश मंत्रालय ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि बयान देने से पहले अपना रिकॉर्ड चेक कर लेना चाहिए. आपको बताते चलें कि भारत और ईरान के संबंध हमेशा से ही मजबूत रहे हैं. पिछले कुछ सालों से ईरान के सुप्रीम लीडर की ओर से भारत को लेकर ऐसे बयान कई बार आ चुके हैं. कश्मीर से 370 के खात्मे के वक्त भी खामेनेई ने भारत के खिलाफ बयानबाजी की थी.
बेहद खराब है ईरान का ट्रैक रिकॉर्ड
आपको बताते चलें कि खामेनेई का ये बयान तब आया है जब ईरान के ऊपर खुद सुन्नी मुस्लिम समेत दूसरे अल्पसंख्यकों पर अत्याचर करने के आरोप लग रहे हैं. ईरान पर महिलाओं की आजादी को कुचलने के भी आरोप लगते रहे हैं. इसको लेकर पूरी दुनिया में वहां की सरकार की जमकर आलोचना हो रही है. ऐसे में भी ईरान की तरफ से भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों में अल्पसंख्यकों की आलोचना विडंबना ही समझा जा रहा है.
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