Myanmar की आर्मी सरकार ने फिर से बढ़ाया इमरजेंसी का समय, जानिए कब होंगे अगले चुनाव

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 01, 2022, 04:38 PM IST

आर्मी ने कर लिया है म्यांमार की सत्ता पर कब्जा

Myanmar Army Emergency: म्यामांर में आंग सान सू की को सत्ता से बेदखल करने के बाद सत्ता पर काबिज सेना ने एक बार फिर से इमरजेंसी का समय बढ़ा दिया है.

डीएनए हिंदी: म्यांमार में आर्मी सरकार (Myanmar Army Government) के नेता ने देश में चुनाव की तैयारी का हवाला देते हुए आपातकाल (Emergency) को छह महीने तक बढ़ा दिया है. आर्मी सरकार के मुखिया ने कहा कि चुनाव अगले साल होंगे. म्यामांर की सेना ने पिछले साल 1 फरवरी को आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार से सत्ता छीन ली थी. सेना ने इसके लिए नवंबर 2020 के आम चुनाव में कथित धोखाधड़ी का हवाला दिया था, जिसमें सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी ने जबरदस्त जीत हासिल की थी जबकि सैन्य समर्थित पार्टी ने खराब प्रदर्शन किया था. 

स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षकों ने कहा कि उन्हें अनियमितताओं का कोई सबूत नहीं मिला. सेना के सत्ता पर काबिज होने के खिलाफ देश भर में व्यापक अहिंसक विरोध प्रदर्शन किये गए. सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया किया जिसके बाद लोकतंत्र समर्थक ताकतों को सशस्त्र प्रतिरोध को प्रेरित किया.

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'आम चुनाव के लिए चाहिए और समय'
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने म्यांमार में हिंसा में बढ़ोतरी को गृहयुद्ध माना है. सत्तारूढ़ स्टेट एडमिंस्ट्रेशन काउंसिल के प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग ने सोमवार को प्रसारित एक भाषण में कहा कि पिछले साल सत्ता पर काबिज होने के बाद घोषित आपातकाल की स्थिति बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि देश को एक शांतिपूर्ण और अनुशासित बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के रास्ते पर वापस लाने और बहुदलीय लोकतांत्रिक आम चुनाव कराने के के लिए और समय की जरूरत है. 

देश की सेना ने शुरू में घोषणा की थी कि सत्ता पर उसके काबिज होने के एक साल बाद नए चुनाव कराये जाएंगे लेकिन बाद में कहा कि चुनाव वर्ष 2023 में होंगे. इसमें काफी संदेह है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे, क्योंकि सू ची की पार्टी के अधिकांश नेता जेल में बंद हैं और इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि पार्टी को सैन्य समर्थक अदालतों द्वारा भंग कर दिया जाएगा. 

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मिन आंग हलिंग ने कहा कि सेना ने सत्ता पर काबिज होने के बाद से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए अपनी पूरी कोशिश की है. उन्होंने कहा, 'हालांकि, देश के अंदर और बाहर स्थित आतंकवादी और उनका समर्थन करने वाले लोग और संगठन म्यांमार में लोकतंत्र को पोषित करने की कोशिश करने के बजाय, म्यांमार में तबाही लाने पर तुले हैं.'

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