डीएनए हिंदी: म्यांमार में सैन्य तख्तापलट को अब एक साल हो चुके हैं. इस बीच हालात तेजी से बदल रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित खबर के अनुसार, विद्रोहियों की सेना पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस जोरदार पलटवार कर रही है. विद्रोही सेना ने 15 फीसदी इलाके पर कब्जा करने का दावा किया है.
Anti-Coup फोर्स के पास आधुनिक हथियार
विशेषज्ञों के मुताबिक, विद्रोहियों की सेना जंग में ज्यादा अच्छे हथियारों से लड़ रही है. यह म्यांमार सैन्य प्रशासन के लिए भी हैरत की बात है कि इतने आधुनिक हथियार उन तक कैसे पहुंचे हैं.
बता दें कि आंग सांग सूची को पिछले साल अप्रैल महीने में सत्ता से हटाने के बाद म्यांमार में गृहयुद्ध शुरू हो गया था. विद्रोही सेना का विरोध उस वक्त से जारी है.
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एक साल से देश में जारी है गृहयुद्ध
म्यांमार में जारी गृहयुद्ध अब अपने निर्णायक दौर में आता दिख रहा है. देश में सैन्य तख्तापलट का विरोध कर रहे विद्रोहियों ने एक साल बाद भी अपनी स्थिति मजबूत बना रखी है. अब म्यांमार में सत्ता पर काबिज सेना को जंग के मैदान में ज्यादा कड़ी चुनौती दे रहे हैं.
यही नहीं ये विद्रोही ज्यादा संगठित नजर आ रहे हैं. म्यांमार में विद्रोहियों के नेता दुआ लाशी का दावा है कि उनकी सेना पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस ने देश के 15 फीसदी इलाके पर कब्जा कर लिया है.
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विद्रोही सेना की 250 बटालियन
राष्ट्रीय एकता सरकार बनाने वाले लाशी ने इरावडी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि अब उनकी सेना की 250 बटैलियन हो गई हैं. यही नहीं 36 कस्बों में अब 'जनता की सरकार' हो गई है.
विद्रोहियों की इस सेना को जातीय सशस्त्र गुटों ने प्रशिक्षण दिया है। यह सेना न केवल म्यामांर की सेना से सीमाई इलाके में लड़ रही है. देश के अंदर भी विद्रोही सेना का अभियान जारी है. म्यांमार का अंदरुनी इलाका अब देश के सशस्त्र विद्रोह का केंद्र बन गया है.
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