डीएनए हिंदी: पिछले लंबे समय से नेपाल की राजनीति में टकराव की स्थिति थी. इस बीच राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने CPN-माओवादी सेंटर (CPN-MC) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ''प्रचंड'' को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है. राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया है कि प्रचंड को संविधान के अनुच्छेद 76(2) के अनुसार देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा के वैसे किसी भी सदस्य को प्रधानमंत्री पद का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित किया था, जो संविधान के अनुच्छेद 76(2) में निर्धारित दो या दो से अधिक दलों के समर्थन से बहुमत प्राप्त कर सकता हो. प्रचंड इस पात्रता को पूरी कर चुके थे.
दरअसल, राष्ट्रपति ने गठबंधन सरकार के गठन के लिए सभी दलों को रविवार यानी 25 दिसंबर तक का समय दिया था. ऐसे में प्रचंड ने समय सीमा समाप्त होने के पहले ही सरकार बनाने का दावा पेश किया था. पुष्प कमल दहल प्रचंड का पीएम पद को लेकर शपथग्रहण सोमवार को शाम 4 बजे होगा.
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जानकारी के मुताबिक प्रचंड को सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन सहित अन्य शीर्ष नेताओं के साथ राष्ट्रपति कार्यालय गये और सरकार बनाने का दावा पेश किया है लेकिन खास बात यह है कि प्रचंड केवल ढाई साल तक ही प्रधानमंत्री रहेंगे.
दरअसल पीएम पद को लेकर एक समझौता हुआ है. प्रचंड और ओली के बीच बारी-बारी से (रोटेशन के आधार पर) सरकार का नेतृत्व करने के लिए सहमति बनी है और प्रचंड को पहले प्रधानमंत्री बनाने पर ओली ने अपनी सहमति जताई है. बता दें कि प्रधानमंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और सीपीएन-एमसी के बीच सत्ता-साझेदारी पर सहमति न बन पाने के बाद प्रचंड पांच दलों के गठबंधन से बाहर आ गए थे.
बता दें कि पहले प्रचंड ने प्रधानमंत्री देउबा के साथ बातचीत की थी जो कि विफल रही. इसके बाद वे सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष के. पी. शर्मा ओली के निजी आवास पहुंचे थे, जिसमें रोटेशनल सरकार पर सहमति बनी की है. बता दें कि प्रतिनिधिसभा में 89 सीट के साथ नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन-एमसी के पास क्रमश: 78 और 32 सीट हैं.
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प्रचंड के अलावा जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र यादव, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगडेन और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने भी संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए ओली के आवास पर पहुंचे थे. इसके बाद प्रचंड को प्रधानमंत्री बनाने से लेकर सरकार के गठन पर सहमति बन गई थी और राष्ट्रपति के पास सभी ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था.
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