डीएनए हिंदी: न्यूजीलैंड सरकार ने 11 अक्टूबर को मवेशियों की डकार और उनके मूत्र पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव पेश किया. उनका कहना है कि इससे ग्रीनहाउस गैस निकलती हैं जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज का खतरा बढ़ता है. सरकार ने कहा कि किसान क्लाइमेट फ्रेंडली प्रॉडक्ट्स की मदद से उस रकम की भरपाई कर सकते हैं जो उनसे टैक्स के तौर पर वसूली जा रही है.
हालांकि सरकार की ये बातें किसानों के गले नहीं उतरी और उन्होंने इसका विरोध किया. उनका कहना है कि इस तरह के बिल और प्रस्ताव किसानों की हिम्मत तोड़ देते हैं. अगर ऐसा होता है तो खेतों की जगह मैदानों में केवल पेड़ नजर आएंगे.
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किसानों के संगठन के अध्यक्ष एंड्र्यू हॉगर्ड ने कहा, हम पिछले दो सालों से सरकार के साथ योजना बना रहे हैं कि ऐसा हल निकाला जाए कि ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम हो और खाद्य उत्पादन पर भी असर न पड़े. हमारा मकसद है कि किसान खेती ही करें. बता दें कि न्यूजीलैंड की इकोनॉमी काफी हद तक खेती पर आधारित है. यहां की जनसंख्या 5 मिलियन है लेकिन करीब 10 मिलियन गाय और भैंसें और 26 मिलियन भेड़ें हैं.
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