डीएनए हिंदी: बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का लोन कर विदेश भागे हीरा कारोबारी को अब भारत वापस आना पड़ेगा. उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है. इसकी वजह ब्रिटिश हाई कोर्ट द्वारा आरोपी की याचिका को खारिज किया जाना है. नीरव मोदी के पास प्रत्यर्पण को टालने के लिए यह एक आखिरी विकल्प था, जिसे यूके की कोर्ट ने खारिज कर दिया है. लंदन की वैंड्सवार्थ जेल में बंद नीरव मोदी को कुछ ही महीनों में वापस लौटना पड़ सकता है. आरोपी ने प्रत्यार्पण के खिलाफ ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी.
ब्रिटिश हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दी थी ये मांग
सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले ब्रिटिश कोर्ट ने नीरव मोदी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें नीवर ने प्रत्यर्पण रद्द करने के लिए अपनी मानसिक स्वस्थ्य का हवाला दिया था. उसने कहा था कि वह भारत जाते ही तनाव में आ जाएगा और अपनी जान भी दे सकता है. हालांकि अदालत ने उसके इस तर्क को न मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया था. इसी के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन यहां से भी नीरव मोदी को निराशा ही हाथ लगी. अब भारत से भगोड़े नीरव के पास कोई और विकल्प नहीं बचा है. उसे भारत लौटना पड़ेगा.
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5 साल पूर्व भारतीय बैंकों से लेकर भागा था हजारों करोड़ रुपये
हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) आज से पांच साल पूर्व 2018 में भारत से भाग गया था. आरोपी भारतीय पंजाब नेशनल बैंक से 7000 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का लोन लेकर फरार हुआ था. नीरव मोदी लंदन में आलिशान तरीके से रह रहा था. इसकी भनक सरकार को लगी तो उसके प्रत्यर्पण की मांग की गई. इस पर तमाम दलीलें देकर वह टालता रहा. इधर विपक्ष से सरकार को जमकर घेरा. भगोड़े कारोबारियों को लाने के लिए सरकार ने भी प्रयास तेज किया. सरकार के ये प्रयास अब सफल होते दिख रहे हैं. इसकी वजह नीरव मोदी के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है. उसे भारत लौटना ही पड़ेगा.
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