डीएनए हिंदी: तारीख 24 फरवरी 2022 की थी. NATO की सदस्यता के मुद्दे को लेकर रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. बीते कुछ दिनों से बयानबाजी और धमकियों का दौर जारी था लेकिन अचानक हमले शुरू हो जाने से हर कोई हैरान रह गया. युद्ध शुरू हुआ तो रूस के साथ-साथ दुनिया के ज्यादातर देशों का मानना था कि चंद दिनों में यूक्रेन सरेंडर करने पर मजबूर हो जाएगा. आज 24 फरवरी 2023 है लेकिन युद्ध जारी है. यूक्रेन ने ना तो घुटने टेके और ना ही हार मानी. यूक्रेन ने रूस जैसे शक्तिशाली देश को नाकों चने चबवा दिए. अब हाल यूं हैं कि खुद रूस इस युद्ध से परेशान हो गया है लेकिन वह चाहकर भी पीछे नहीं हट सकता.
हमला करते समय व्लादिमीर पुतिन का कहना था कि यह 'सैन्य अभियान' यूक्रेन को डिमिलिटराइज करने के लिए है, उस पर कब्जा करने के लिए नहीं. कई दिशाओं से रूस ने हमला किए और दो ही दिन में दो लाख से ज्यादा रूसी सैनिक यूक्रेन में घुसते गए. डोनबास, खारकीव, दोनेत्स्क और लुहांस्क पर रूस ने जबरदस्त बमबारी की और जल्द ही कीव के मुहाने तक पहुंच गया.
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रूस ने अलगाववादियों के कब्जे वाले डोनबास प्रांत के लुहांस्क और दोनेत्स्क को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया. बाद में क्रीमिया के रास्ते ओडेसा, ज्यापोरिज्जिया और मारियोपोल तक रूसी सैनिक घुसे और जमकर तबाही मचाई. बीते एक साल में रूस ने यूक्रेन के कई शहरों और बंदरगाहों पर कब्जा कर लिया. हालांकि, अब यूक्रेन पलटवार कर रहा है और एक-एक करके अपने इलाकों को वापस छीन रहा है.
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कितने सैनिकों ने गंवाई जान
एक अनुमान है कि एक साल के इस युद्ध में लगभग एक लाख यूक्रेनी सैनिक और 1.80 लाख रूसी सैनिक या तो जान गंवा चुके हैं या गंभीर रूप से घायल हुए होंगे. हालांकि, रूस ने 23 फरवरी 2023 तक रूस ने 1,45,850 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है जबकि यूक्रेन ने ऐसा कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है.
इस युद्ध में अभी तक यूक्रेन के 8 हजार से ज्यादा आम लोगों की मौत हुई है और 13 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मरने वालों में 487 से ज्यादा बच्चे भी शामिल हैं. युद्ध में जान गंवाने वालों में 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिलाएं हैं. युद्ध की तबाही के बीच यूक्रेन के 80 लाख लोगों ने देश छोड़ दिया है और कई यूरोपीय देशों में शरण लेने को मजबूर हैं.
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