'हेयरस्टाइलिश बनने का था सपना, मजबूरी ने बना दिया सेक्स वर्कर', पढ़ें इस महिला की दर्दभरी कहानी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 15, 2023, 06:14 AM IST

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घाना में अच्छी नौकरी का लालच देकर नाइजीरिया की लड़कियों को सेक्स वर्क करने के लिए मजबूर किया जाता है. परिवार का पेट पालने लिए लड़कियां और महिलाएं इस काम के लिए राजी हो जाती हैं.

डीएनए हिंदी: गरीबी, अंधेरा, बीमारियों का डर और हर रोज मरना सेक्स वर्कर्स की जिंदगी बन गया है. वह उन बस्तियों में रहने को मजबूर हैं, जिनमें बचपन खत्म होने से पहले ही रौंद दिया जाता है. जिंदगी की समझ आना शुरू ही होता है कि उन्हें अधेड़ों के बिस्तर में छोड़ दिया जाता है. ऐसी ही एक दर्दभरी कहानी नाइजीरिया की रहने वाली डायमंड (बदला हुआ नाम) की है. डायमंड एक हेयरस्टाइलिश बनना चाहती थी. वह एक बिजनेसवुमेन बनकर पूरी दुनिया घूमना चाहती थी, लेकिन एक धोखे ने उसकी जिंदगी को नर्क बना दिया और उसे वेश्यावृति के पेशे में धकेल दिया.

Aljazeera से बात करते हुए डायमंड ने बताया कि वह 32 साल की थी जब उसे वेश्यावृति के धंधे में धकेला गया. डायमंड अपने बहन-भाई में सबसे बड़ी थी. उसकी 15 साल की उम्र में नाइजीरिया के बेनिन सिटी में रहने एक शख्स के साथ शादी कर दी गई. शादी के दौरान उसके पति ने उसे अच्छी जिंदगी देने का वादा किया था. सब कुछ सही चल रहा था और एक साल बाद वो पहले बच्चे मां बनी थी. इसके तीन साल बाद जब वो दोबारा गर्भवती हुईं तो उसका पति उसे छोड़कर चला गया. डायमंड ने बताया कि उसका परिवार बहुत गरीब था इसलिए पति के जाने के बाद बच्चों का पालन पोषण मुश्किल हो गया. हालात ऐसे हो गए कि उसे और उसके बच्चों को भूखे पेट सोना पड़ता था.

3 महीने के लिए बोला गया लेकिन रखा सालों तक कैद
डायमंड ने कहा कि इस दौरान मेरी मुलाकात एक पुराने दोस्त से हुई. उसने मेरी हालत देखकर मुझे सलाह दी कि मैं घाना चली जाऊं. वहां सेक्सवर्कर में खूब पैसे कमा सकती हूं. जिससे वह अपने बच्चों के साथ-साथ अपने मां-बाप और बहन-भाइयों की भी जिंदगी संवार सकती है. पेट की खातिर में मैंने दोस्त सलाह मानी और घाना जाकर सेक्स वर्क करने चली गई. उन्होंने बताया कि जिस महिला के जरिए वो घाना आईं थी उसने कहा था कि मुझे तीन महीने तक सेक्सवर्कर का काम करना होगा. इसके लिए उसे अच्छे कपड़े, रहने के लिए मकान और 780 डॉलर (64,024 रुपये) मिलेंगे. महिला ने कहा कि तीन महीने के बाद वो आजाद है.

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डायमंड को उस महिला ने घाना के कसोवा शहर में बुलाया जहां लाइबेरिया, आइवरी कोस्ट और टोगो के नागरिक रहते हैं. यहां पर काफी रेड लाइट एरिया हैं. वो बताती हैं, 'जब वो कसोवा पहुंची तो वहां मेरी जैसी 10 और नई लड़कियां पहले से मौजूद थीं. उन्होंने भी मजबूरी में इस धंधे को चुना था. हम सबके लिए एक छोटा सा घर दिया गया था. जिसमें ना तो कोई बेड था और ना ही एसी, अलमारी. उन्हें जमीन पर सोने के लिए मजूबर होना पड़ा. वो घर जेल जैसा था. टीवी, रेडियो न बैठने के लिए कोई कुर्सी वहां मौजूद थी. घर काफी गंदा था. 

स्वर्ग का सपना दिखाया, मिला नर्क
डायमंड ने कहा कि इस घर में रहना आसान नहीं था. लेकिन वह मजबूर थी. वह ऐसे दलदल में फंस चुकी थी जहां वो चाहकर भी वापस नहीं लौट सकती थी. यहां आने से पहले मुझसे वादा किया गया था कि मुझे स्वर्ग जैसे माहौल में रखा जाएगा लेकिन मुझे नर्क में लाकर रख दिया गया. जब मैं पहली बार कमरे में गई तो बेहद निराश थी. उस औरत ने मुझसे झूठ बोला था. वो बस हमारा शोषण करके सिर्फ पैसा कमाना चाहती थी. वह सिर्फ इतने पैसे देती थी जिन्हें वो अपने बच्चों को लिए नाइजीरिया भेज सके. डायमंड ने बताया कि वह अपने दोस्तों की मदद से नाइजीरिया वापस लौट आई है. उसने अब अलजजीरा को इस नर्कभरी जिंदगी के बारे में बताया है. 

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