पाकिस्तान में जहरीला खाना खाने से एक ही परिवार के 8 बहन-भाइयों की मौत, एक की हालत गंभीर

Written By रईश खान | Updated: Aug 20, 2024, 10:22 PM IST

Pakistan eating poisonous food (सांकेतिक तस्वीर)

Pakistan News: ग्रामीणों ने डॉक्टरों पर पीड़ितों का इलाज में देरी करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर पीड़ितों का सही समय पर इलाज किया गया होता तो इतनी मौतें नहीं होती.

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सोमवार रात उस समय मातम पसर गया, जब जहरीला खाना खाने से 9 लोगों की मौत हो गई. जिनमें 8 बहन-भाई और एक मेहमान शामिल था. मृतकों में पांच बहनें और तीन भाई शामिल हैं. जिनकी आयु 4 से 18 साल के बीच थी. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह जांच के आदेश दिए हैं.

डॉन अखबार की खबर के अनुसार घटना खैरपुर जिले के पीर-जो-गोथ के पास हैबत खान ब्रोही गांव में सोमवार रात हुई. यहां 10 सदस्यीय परिवार और उनके मेहमान खाना खाने के तुरंत बाद बेहोश होने लगे. उनके रिश्तेदार और पड़ोसी उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई. पोस्टमार्टम करने के लिए कोई चिकित्सक नहीं होने के कारण उनके शव पोस्टमार्टम के बिना ही परिजनों को लौटा दिए गए.

अखबार ने ग्रामीणों के हवाले से बताया कि बाद में अन्य लोगों की भी जहर के कारण मौत हो गई और इस तरह कल रात से आठ भाई-बहनों समेत 9 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि 10वें पीड़ित की हालत गंभीर है. उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है.

डॉक्टरों पर लगा लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों ने डॉक्टरों पर पीड़ितों का इलाज में देरी करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर पीड़ितों का सही समय पर इलाज किया गया होता तो इतनी मौतें नहीं होती. पुलिस ने बताया कि मृतकों में 4 से 18 साल की उम्र के दिलदार, दिलबर, गुलाम असगर, मंजूर, हाजानी, मरियम, सोनिया,गोंज बीबी और फहमीदा हैं.

एसएचओ अमीर अली चांग ने कहा कि पुलिस घटना की जांच कर रही है. वे आगे की कार्रवाई के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. पीड़ितों के पिता गुल बेग ब्रोही ने कहा कि तालुका अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और कुव्यवस्था के कारण उनकी बेटियों और बेटों की मौत हुई. 

CM ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने घटना का संज्ञान लिया और सुक्कुर आयुक्त को घटना की उचित जांच करने का निर्देश दिया ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके. अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि परिवार के पास अपने मवेशी थे और वे दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर थे. इसलिए दूषित दूध के कारण मृत्यु की संभावना जताई जा रही है.

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