डीएनए हिंदी: पाकिस्तान (Pakistan) कभी जिन आतंकियों के लिए जन्नत बना था, वही देश आतंकियों की मौजूदगी से तबाह हो रहा है. पाकिस्तान को आंगन में सांप पालना भारी पड़ा है. जब एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकियों को सांप बताया था,तब भी पाकिस्तान को यह बात नागवार गुजरी थी, लेकिन अब बार-बार साबित हो रहा है कि पाकिस्तान, अपने ही आतंकियों की क्रूरता का शिकार हो रहा है. जिस तालिबान का पाकिस्तान समर्थन करता था, उसने भी पाकिस्तान के सैनिकों का जीना मुहाल कर दिया है.
पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में कम से कम तीन पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं. पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के मुताबिक खैबर पख्तूनवा के कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो आतंकवादी भी मारे गए. इन सैनिकों की पहचान सूबेदार शुजा मुहम्मद, खुजदार नाइक मुहम्मद रमजान और सुक्कुर सिपाही अब्दुल रहमान के रूप में हुई है.
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आतंकियों के खिलाफ एक्शन पड़ रहा पाकिस्तानी सेना पर भारी
पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में कहा है कि दोनों तरफ से मुठभेड़ तब हुई जब सैनिकों ने अफगान सीमा के पास एक पूर्व आतंकवादी गढ़ में एक ठिकाने पर छापा मारा. बयान में कहा गया कि क्षेत्र से आतंकवादियों को खत्म करने के लिए छापेमारी की गई.
अब आतंकियों का खात्मा करना चाहती है पाकिस्तानी सेना
जब पाकिस्तान आतंकियों की मौजूदगी से बुरी तरह घिर गया है तब उसे याद आ रहा है कि आतंक खत्म करने की जरूरत देश को है. पाकिस्तानी सेना ने अब कहा है कि आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और हमारे बहादुर सैनिकों के ऐसे बलिदान हमारे संकल्प को और मजबूत करते हैं.
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तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान बनी शाहबाज शरीफ सरकार के लिए मुसीबत
यह घटना देश भर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि के बीच हुई है, जिनमें ज्यादातर घटनाओं में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने अपना हाथ होने का दावा किया था. पिछले हफ्ते, एक पाकिस्तानी तालिबान लड़ाके ने इस्लामाबाद में एक कार बम विस्फोट किया था और वह कुर्रम से था. हमले का दावा अलकायदा के करीबी माने जाने वाले टीटीपी ने किया था, जो अफगान तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद फिर से सक्रिय हो गया है. (PTI इनपुट के साथ)