डीएनए हिंदी: पाकिस्तान में आटे के दाम 150 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गए हैं, जबकि टमाटर 300 से 400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है. एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के लिए डॉलर नहीं मिल रहा है. पेट्रोल पंपों पर तेल नहीं मिलने से लंबी लाइनें लगी हुई हैं. यह नजारा कुछ हद तक आपको पिछले साल के श्रीलंका जैसी तस्वीर दिखा रहा होगा. ऐसे भयानक आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के लिए आशा की एकमात्र किरण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) से मिलने वाला कर्ज था, लेकिन अब इसके भी आसार खत्म होते दिख रहे हैं. द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF रिव्यू मिशन ने पाकिस्तान के सर्कुलर डेब्ट मैनेजमेंट प्लान (CDMP) को अव्यवहारिक बताते हुए खारिज कर दिया है.
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IMF चाहता है टैक्स बढ़ाए, सब्सिडी घटाए पाकिस्तान, पीएम शरीफ तैयार नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि IMF ने पाकिस्तान सरकार को टैक्स की दरों में बढ़ोतरी करने और जनता को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती करने के लिए कहा है. इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तैयार नहीं हैं, क्योंकि इस साल अक्टूबर में पाकिस्तान में चुनाव संभावित हैं और इससे पहले शरीफ कोई भी जनविरोधी कदम नहीं उठाना चाहते हैं.
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बिजली दरों को बढ़ाने के लिए कहा है सरकार से
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF ने पाकिस्तान सरकार से बिजली दरों को 11 से 12.50 पाकिस्तानी रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ाने के लिए कहा है ताकि मौजूदा वित्त वर्ष में अतिरिक्त सब्सिडी 335 अरब पाकिस्तानी रुपये तक सीमित रह सके. बिजली दरों में बढ़ोतरी का मकसद नकदी संकट से गुजर रहीं पॉवर इंडस्ट्री का घाटा कम करना है.
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