Pakistan Economic Crisis: नहीं थम रहीं पाकिस्तान की मुश्किलें, कर्ज देकर चीन ने चौतरफा घेरा

Written By पुनीत जैन | Updated: Feb 29, 2024, 10:47 PM IST

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Pakistan Economic Crisis: चीन से पाकिस्तान को 2 बिलियन डॉलर का कर्ज मिला हुआ है. उस कर्ज में चीन पाकिस्तान पर1.8 अरब डॉलर तत्काल चुकाने का दबाव डाल रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने हाथ खड़े कर दिए हैं.

Pakistan Economic Crisis: आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान की हालत और ज्यादा खराब होने जा रही है. दरअसल बुरी तरह कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने चीन से भी 2 अरब डॉलर का कर्ज लिया हुआ है, जिसे वह चुकाने की स्थिति में नही है.  स्थानीय मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, डॉलर की अधिक मांग की आशंका के चलते पाकिस्तान का मुद्रा बाजार तनाव में आ गया है. ऊपर से चीन उस पर 1.8 अरब डॉलर वापस लौटाने का दबाव बना रहा है. डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) मार्च में चीन का कर्ज चुकाने के लिए 1.8 अरब डॉलर का इंतजाम करने की कवायद से जूझ रहा है.


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बची हुई राशि, देश में आने वाले पैसे से ज्यादा

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, चीन के कर्ज का भुगतान करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को अब तक 1.8 अरब डॉलर के बराबर स्थानीय करेंसी नहीं दी गई है. सूत्रों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने के दौरान विदेशी निवेश के लिए ज्यादा निकासी की गई है. इसके बावजूद बची हुई रकम देश में आने वाले पैसे से ज्यादा है. डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर के बराबर स्थानीय मुद्रा दी थी, जिसे पाकिस्तान केंद्रीय बैंक चुकाने में असमर्थ है.


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विदेशी मुद्रा भंडार को 8 अरब डॉलर से ऊपर बनाए रखने की कोशिश

जानकारी के मुताबिक, विनिमय दर को एक लेवल पर सुनिश्चित रखने के लिए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार को आठ अरब डॉलर से ऊपर बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. साथ ही उस पर कर्ज का भुगतान, बहिर्प्रवाह और अन्य बकाया राशियों के भुगतान का भी दबाव बना हुआ है. 


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वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती सात महीने के दौरान चालू खाता घाटा एक अरब डॉलर का था, जो पिछले साल उसी तारीख को 3.8 अरब डॉलर था. हालांकि, बढ़ते आयात के कारण  इस वित्त वर्ष के अंत तक यह घाटा बेहद ऊंचे स्तर तक पहुंचने की आशंका है. 

कर्जदाताओं को और ज्यादा कर्ज देने के लिए मनाना आसान नहीं

वित्तीय क्षेत्र से जुड़े जानकारो के मुताबिक, पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अन्य कर्ज देने वाली एजेंसियों को छोड़कर कहीं से भी डॉलर जमा करने का कोई तरीका नहीं मिल रहा है. हालांकि, डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक कर्जदाताओं को भी अब और कर्ज देने के लिए मनाना आसान नहीं होगा.

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