डीएनए हिंदी: आतंकवाद को बढ़ावा देना अब पाकिस्तान (Pakistan Terrorism) के गले की हड्डी बन गया है क्योंकि आर्थिक रूप से पाकिस्तान की स्थिति बेहद खराब हो गई है. ऐसे में वह चीन की मदद से अपने यहां सीपीईसी प्रोजेक्ट (CPEC) लगा रहा था और निवेश के जरिए आर्थिक मजबूती की उम्मीद कर रहा था. वहीं इस मुद्दे पर भी पाकिस्तान को दिक्कतें आई हैं. चीन जिन बिजली प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान में काम कर रहा है उसमें देरी हो रही है और इसके चलते पाकिस्तान के लिए आर्थिक मुश्किलें खड़ी हो गई हैं और जिसकी शिकायत भी चीन ने कर दी है.
दरअसल, चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) प्रोजेक्ट्स पर हुई हालिया बैठक में पाकिस्तान ने चीन के सामने पांच महत्वपूर्ण बिजली और रेल परियोजनाओं में हो रही देरी पर चर्चा की है. पाकिस्तान द्वारा कहा गया है कि अगर ऐसे ही इन सभी प्रोजेक्ट्स में और देरी होती रही तो पाकिस्तान में रेलवे लाइन के ठप होने के आसार हैं. वहीं बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ेगा जिसका सीधा खामियाजा पाकिस्तान की आवाम को भुगतना पड़ सकता है.
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CPEC प्रोजेक्ट को लेकर हुई बैठक
आपको बता दें कि चाइना पाक इकॉनमिक कॉरिडोर की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (JCC) की एक बैठक हुई थी. यहां पाकिस्तान ने चीन से 18.5 अरब डॉलर की पांच परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने की मांग की है. रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने आशंका व्यक्त की कि किसी भी तरह की देरी से देश में एक साल में रेल व्यवस्था चरमरा जाएगी और 3,100 मेगावाट बिजली उत्पादन में देरी होगी.
बैठक को लेकर पाकिस्तान के ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इन परियोजनाओं को दोनों पक्षों की ओर से बाधाओं के कारण वर्षों की देरी का सामना करना पड़ रहा है." पाकिस्तान ने चीन से 584 मिलियन अमरीकी डॉलर के ग्वादर बिजली संयंत्र के स्थानांतरण के इस्लामाबाद के अनुरोध पर विचार करने को कहा है. इस मामले में योजना मंत्री ने अपने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) को विकसित करने के लिए चीनी अनुभव के लाभों को प्राप्त करने में पाकिस्तान की दिक्कतों पर विचार किया है.
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कौन सी हैं अहम चाइनीज योजनाएं
आपको बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने जिन पांच परियोजनाओं पर काम में तेजी लाने के लिए चीन से अनुरोध किया है. उनमें 10 बिलियन डॉलर की मेनलाइन, I रेलवे परियोजना, 1.2 बिलियन डॉलर की कराची सर्कुलर रेलवे परियोजना, 1.6 बिलियन डॉलर की आजाद पट्टन जलविद्युत परियोजना, 2.5 बिलियन डॉलर की कोहाला बिजली परियोजना और तीन अरब डॉलर की थार ब्लॉक वाली I कोयला परियोजनाएं शामिल हैं. इन सभी चाइनीज प्रोजेक्ट्स के चलते पाकिस्तान की आर्थिक विकास की उम्मीद जिंदा है जो कि अब खतरे में जाती दिख रही है.
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