डीएनए हिंदी: पाकिस्तान (Pakistan) फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट (Grey List) से बाहर हो गया है. FATF वैश्विक तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) और आतंकवाद (Terrorism) से संबंधित मामलों की निगरानी करता है.
ग्लोबल वॉचडाग ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने टेरर फाइनेंसिंग को लेकर सख्ती बरती है. जो हिदायतें FATF की ओर से दी गई थीं, उन्हें ठीक ढंग से लागू किया है, इसलिए ग्रे लिस्ट से बाहर किया जा रहा है.
क्या है FATF, जिससे बाहर होगा पाकिस्तान?
FATF ने पाकिस्तान पर क्या कहा?
वैश्विक संस्था FATF ने कहा, 'पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ नियमों को मजबूती से लागू किया है. FATF ने जून 2018 और 2021 में जिन रणनीतिक कमियों के बारे में हिदायत दी थी, उसके लिए तैयार योजनाओं पर अमल किया है. यह तय समय सीमा से पहले पूरे किए जा चुके हैं. कुल 34 मुद्दों पर निर्देश दिए गए थे.'
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पाकिस्तान की निगरानी यह वैश्विक संस्था फिलहाल ग्रे लिस्ट के तहत नहीं करेगी. पाकिस्तान
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ और सख्ती से काम करने की जरूरत है.
कब हुआ था पाकिस्तान पर एक्शन?
FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को इस लिस्ट में डाला था. पाकिस्तान बेलगाम आतंकवादी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को लेकर ग्लोबल वॉचडाग के निशाने पर है.
किन मुद्दों को लेकर पाकिस्तान से नाराज था FATF?
FATF ने निर्देश दिया था कि जैश-ए-मोहम्मद (JEM) प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा (LET) के संस्थापक हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी समेत संयुक्त राष्ट्र की ओर से नामित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई पाकिस्तान करे. पाकिस्तान इन्हें करने में फेल रहा था.
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क्या सच में थम गया है पाकिस्तान में आतंकवाद?
मसूद अजहर, हाफिज सईद और लखवी भारत में कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. भारत को इनकी एक अरसे से तलाश है. मुंबई और पुलवामा अटैक के भी मास्टरमाइंड भी पाकिस्तान में छिपे हैं लेकिन उनके खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया है.
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